नक्शे में 32 मौके पर 80 दुकानें

kabir Sharma
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मेरठ/ प्राधिकरण के जोन डी-वन पीएल शर्मा रोड मार्केट पर किंग बेकरी के जिस कांप्लैक्स का महज 32 दुकानों का मानचित्र दस साल पहले स्वीकृत किया गया, वहां करीब 80 दुकानें बना डालीं गर्इं। इतना ही नहीं स्वीकृत किए गए मानचित्र में कहीं भी बेसमेंट का जिक्र नहीं, लेकिन मौके पर बेसमेंट भी बना दिया गया। नौबत नहीं तक नहीं रही तुर्रा यह कि किंग बैकरी मार्केट के अवैध निर्माण को अब मेडा अफसर कंपाउंडिंग के नाम पर कानूनी जामा पहनाने पर उतारू हैं। इसके लिए मेडा के उसी अफसर का नाम चर्चाओं में है जिस पर टाउन को बेहतर तरीके से प्लान की जिम्मेदारी है। टाउन में सलीके से निर्माण हो, लेकिन सलीके से निर्माण पर जोर देने के बजाए अवैध कांप्लैक्सों को कंपाउंडिंग के नाम पर केवल कानूनी जामा पहनाने पर ही जोर दिया जा रहा है और सुनने में तो यहां तक आया है कि सौदा दो करोड़ में हुआ है। 80 लाख मेडा के खजाने में बाकि जैसा कि आमतौर पर तमाम ऐसे मामलों में होता है ठीक उसी तर्ज पर किंग बेकरी के मामले में भी किए जाने की बात पब्लिक डोमेन में है।
कारनामा सीएम योगी तक
पीएल शर्मा रोड स्थित किंग बेकरी के अवैध निर्माण और इसको लेकर मेडा अफसरों खासतौर से उन अफसरों जिन पर टाउन की प्लानिंग की जिम्मेदारी है उनकी कारगुजारियां सीएम योगी तक भेज दी गयी हैं। मिशन कंपाउंड निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज चौधरी ने मेडा के अफसरों के भ्रष्ट कारनामों की कुंडली से अवगत कराने के लिए आईजीआरएस की मार्फत सीएम योगी को शिकायत भेजी है। पीएल शर्मा रोड स्थित किंग बेकरी में अवैध रूप से बना दी गयी 80 दुकानों पर योगी का बुल्डोजर चढ़ाने के बजाए मेडा के अफसर दुकानों के अवैध निर्माण का तमाश भर देखते रहे। कभी भी कुछ ऐसा किया गया हो जान नहीं पड़ता जिससे कहा जा सके कि इस कांप्लैक्स में स्वीकृत मानचित्र से इतर अवैध रूप से दुकानों के निर्माण को रोकने के लिए कभी हाथ खोले हों। कार्रवाई के नाम पर केवल फाइलों में कागज तो बढ़ते गए, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ ठोस कभी नहीं किया। और रही सही कसर कांप्लैक्स में अवैध रूप से बनायी गयी दुकानों के लिए बेसमेंट ने पूरी कर दी। जबकि नियमानुसार बेसमेंट नहीं बनाया जाना चाहिए था। सीएम पोर्टल पर शिकायत भेजने वाले मनोज चौधरी ने खुलाया किया कि भीड़ वाले इस रिहायशी इलाके में अवैध तरीके से बेसमेंट खोदकर बना दिया गया।
दो मीटर की गली
पीएल शर्मा रोड स्थित इस कॉम्प्लेक्स के समीप पंचमुखी हनुमान मंदिर के ठीक सामने तंग व संकरी लगभग मुश्किल से लगभग दो मीटर से कम चौड़ी गली की तरफ 11 दुकानों को बनाकर उनके शटर इसी संकरी और आवासीय गली में खोले गए हैं। इस गली में तमाम पुराने आवासीय भवन बने हुए हैं। इन सभी का रास्ता इस तंग गली में से होकर ही जाता है। टैÑफिक की लिहाज से पीएल शर्मा रोड का इलाका पहले से काफी बदनाम है। यहां आने यानि जाम में गाड़ी का फंस जाना और जिस मंदिर के सामने जिस तंग गली का यहां उल्लेख किया गया है उसमें करोड़ों रुपए कीमत की जो भी दुकान खरीदेगा निश्चित तौर पर वह कार से आएगा। 11 दुकानें तो इस गली में हैं पीएल शर्मा रोड पर कहीं भी पार्किंग नहीं, इसलिए यह तो तय है कि 11 गाड़ियां इसी गली में दिन भर पार्क रहेंगी। पहले से जिनके मकान इस गली में हैं उनकी भी गाड़ियां खड़ी होती हैं। सबसे बड़ी बात तो यह जो इन दुकानों पर खरीदारी को जो कस्टर आएंगे वो भी गाड़ियों से ही आएंगे। पार्किंग का इंतजाम पहले से नहीं। ऐसे में जब गाड़ी पार्क की जगह बीच रोड पर खड़ी होगी तो अंदाजा लगा लीजिए कि पीएल शर्मा रोड का हश्र क्या होगा।
बाहर सील भीतर काम
किंग बेकरी के अवैध निर्माण को लेकर बडेÞ स्तर पर बदनामी के बाद मेडा ने कुछ समय पहले सील लगा दी थी। इलाके के लोगों का आरोप है कि आमतौर पर जैसा होता है कि बाहर सील और भीतर अवैध निर्माण जारी रहा। जिसके चलते यहां 32 नक्शे वाले कांपलैक्स में 80 दुकानें तैयार कर दी गयीं। पीएल शर्मा रोड पर फिलहाल टैÑफिक का हाल किसी से छिपा नहीं है। बेगमपुल से सटे पीएल शर्मा रोड पर अभी ई रिक्शाएं ही मुसीबत बनी हैं। किंग बेकरी के सामने उनकी सप्लाई चेन की दर्जनों गाड़ियों की वजह से पहले से ही यहां से गुजरना मुश्किल होता है। जब यह कांप्लैक्स बनकर तैयार हो जाएगा तब यहां से गुजरना कितना मुसीबतों भर होगा यह आसानी से समझा जा सकता है। माना जा रहा है कि जो हश्र लालकुर्ती पैठ एरिया का अभी है वो हश्र किंग बेकरी के इस मार्केट से आगे होने जा रहा है। कार्रवाई के बजाए बताए रास्ते किंग बेकरी में अवैध रूप से बनायी गयी दुकानों के खिलाफ मेडा के जिन अफसरों को कार्रवाई करनी थी, बताया जाता है कि उन्हीं अफसरों ने कांप्लैक्स की अवैध दुकानों को बचाने के रास्ते बता दिए हैं। मसलन किस प्रकार से कंपाउंडिंग के जरिये दुकानों को बचाया जा सकता है। किस की मार्फत फायर एनओसी व दूसरी चीजें की जा सकती हैं। तमाम कवायदे कर कार्रवाई करने के बजए मेडा अफसरों ने अवैध दुकानों को बचाने के रास्ते बता दिए। एक साल पहले भी इसको लेकर काफी शोरशराबा मचा था, लेकिन सुनने में आया है कि तब मेडा अफसर एक बडे एक आईएएस के प्रेशर के चलते बैकफुट पर आ गए। मेडा के जोन डी-वन के अवर अभियंता जितेन्द्र कुमार ने बताया कि किंग बेकरी वाली दुकानों का अभी कंपाउंडिंग का मसल हल नहीं हुआ है। फाइल अभी विचाराधीन है।

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