विपुल बोले व्यवस्था बनाएं-परेशान न करें, महानगर की यातायात व्यवस्था सुधारने के नाम पर एडीएम सिटी व एसपी सिटी द्वारा बुलायी गयी बैठक में होटल कारोबारियों ने कहा कि वह पुलिस प्रशासन के साथ हैं, जहां तक यातायात में सुधार के प्रयास की बात है तो पूरा सहयोग किया जाएगा, लेकिन व्यवस्था बनाएं परेशान ना किया जाए। पुलिस लाइन स्थित सभागार में पुलिस अधीक्षक नगर व एडीएम सिटी ने होटल व्यवसाइयों के साथ बैठक की। पुलिस अधीक्षक ने होटल व्यवसायियों से होटल के सामने पार्किंग व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा , होटल के सामने गाड़ियां मुख्य मार्ग को अवरुद्ध न करें। वैकल्पिक व्यवस्था अपने आसपास कहीं पर देखकर करें। होटल परिसर का अग्नि शमन विभाग अथवा प्राइवेट एजेंसी द्वारा अग्नि शमन यंत्रो का ऑडिट कराकर न्यूनतम मानक अवश्य पूरे करें ताकि किसी भी दुर्घटना के समय अग्निशमन यंत्र का प्रयोग कर जान माल को बचाया जा सके। होटल परिसर में दो सीसीटीवी कैमरे अवश्य लगे हों, एक मुख्य द्वार पर तथा दूसरा रिसेप्शन पर और फुटेज एक माह तक सुरक्षित रखें। होटल के रिसेप्शन पर रजिस्टर में आने वाले गेस्ट तथा उनके साथियों के नाम अवश्य अंकित हो तथा प्रत्येक आने वाले गेस्ट का पहचान पत्र अवश्य लिया जाए। यह रिकॉर्ड 2 साल तक सुरक्षित रखा जाए । कमरे में गेस्ट से संपर्क करने आने वाले अतिथियों की पूरी सूची तैयार की जाए तथा उनसे भी आईडी अवश्य ली जाए। होटल में कार्यरत स्थायी स्टाफ की पुलिस वेरीफिकेशन अवश्य की जाए। ओयो होटल का नाम लिखने वाले प्रत्येक होटल का रजिस्ट्रेशन ओयो कंपनी के साथ होना अनिवार्य है। . रिहायशी इलाको में चल रहे होटल को अनुमति लेनी आवश्यक है। मेरठ होटेलीर्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के महामंत्री विपुल सिंघल ने आश्वासन दिया की सड़क पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्थित पार्किंग होटल के आगे नहीं की जाती है, निवेदन किया कि पुलिस विभाग अनावश्यक रूप से होटल पर आने या जाने वाले ग्राहकों की गाड़ी से अतिथि उतारते या ले जाते समय परेशान ना करें। होटल में ठहरने वालों का नाम रजिस्टर में अंकित करना तथा उनका पहचान पत्र लिया जाता है परंतु उनसे मिलने वाले आगंतुको का नाम व उनकी आईडी लेना एक मुश्किल काम है जिसके लिए निवेदन किया गया कि पहले जनता को जागरूक किया जाए। सभी कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन कराना मुमकिन नहीं है, अधिकांश स्टाफ मात्र 10 से 15 दिन के लिए कार्य करने के लिए आता है अनेकों बार दो दिन में ही स्टाफ नौकरी छोड़कर चला जाता है। रिहायशी इलाकों में होटल का संचालन बहुत आम है क्योंकि मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा विकास प्राधिकरण के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक कमर्शियल एरिया में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की गई है, जिस कारण यह होटल संचालित हो रहे हैं। अब तक संचालित किया जा रहे होटल को अपनी सूची में स्वीकृति दी जाए । भविष्य में नए बनने वाले होटल पर यह लागू कर सकते हैं। मेरठ होटल ईयर्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के संरक्षक सरदार नरेंद्र सिंह करनैल ने कहा की अनेकों बार सीसीटीवी खराब हो जाते हैं जिस कारण उनकी सीसीटीवी फुटेज मांगने पर वह उपलब्ध नहीं हो पाती है। इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फेल होने पर प्रथम दृष्टियां होटल व्यवसायी को दोषी की नजरों से ना देखा जाए । इस मौके मेरठ होटेलीर्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुबोध गुप्ता , महामंत्री विपुल सिंघल, संरक्षक सरदार नरेंद्र सिंह, सरदार रंजीत सिंह ,गगन सिंघल, ऋषभ कंसल, सुदीप, विपिन अग्रवाल, अभिषेक, उमेश गर्ग, मुकेश गुप्ता मोहित कन्नौजिया सहित 150 से अधिक होटल व्यवसायी मौजूद रहे।