बुराई पर अच्छाई की जीत-रावण का अंत

बुराई पर अच्छाई की जीत-रावण का अंत
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बुराई पर अच्छाई की जीत-रावण का अंत,

-शहर की तमाम राम लीला मंचनों में शहर राम लीला रही अव्वल

श्री सनातन धर्म रक्षिणी सभा पंजीकृत मेरठ शहर के तत्वधान में श्री रामलीला कमेटी पंजीकृत मेरठ शहर द्वारा दिल्ली रोड स्थित रामलीला मैदान में सम्पूर्ण श्री राम लीला के मंचन के पश्चात राम – रावण युद्ध का लीला मंचन व विशालकाय दशानन दहन किया गया। इस सफल आयोजन में अन्य के साथ सबसे महत्वपूर्ण भूमिका भाजपा के बड़े व्यापारी नेता विपुल सिंहल सात फेरे ने निभाई। उन्होंने बताया कि  भगवान श्री राम दल व रावण सेना युद्ध के लिए रथ पर सवार होकर बैंड बाजे के साथ शाम 4:00 बजे दिल्ली गेट चौक स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर से ब्रह्मपुरी, इंदिरा नगर से होते हुए बहादुर मोटर्स के सामने से रामलीला मैदान दिल्ली रोड पहुंचे।
लीला मंचन के मुख्य उद्घाटनकर्ता अजय अग्रवाल सुपुत्र स्वर्गीय श्री दयानंद गुप्ता जी व डॉ ओम प्रकाश अग्रवाल रहे । मुख्य अतिथि डॉ राम कुमार गुप्ता, कैंट विधायक माननीय अमित अग्रवाल रहे।

सभी उपस्थित पदाधिकारी सदस्यों द्वारा पूजा अर्चना कर लीला मंचन प्रारम्भ की गयी। श्रद्धालुओं की मांग पर श्री राम लीला कमेटी द्वारा इस वर्ष प्रथम बार सम्पूर्ण श्री राम लीला मंचन श्री राम के जन्म से लेकर रावण वध तक रामलीला मैदान दिल्ली मार्ग पर किया गया। लाखो की संख्या में श्रद्धालु ने बच्चों सहित सम्पूर्ण श्री राम लीला मंचन देख धर्म लाभ लिया।

दुहु दिसि जय जयकार करि, निज निज जोरी जानि।
भिरे बीर इत रामहि, उत रावनहि बखानि॥

अधर्म के विरुद्ध धर्म, असत्य के विरुद्ध सत्य, अन्याय के विरुद्ध न्याय आज अपनी चुनौती लेकर खड़ा था| दोनों ही पक्षों के वीर, अपनी पूरी शक्ति के साथ सुसज्जित खड़े थे| एक ओर अस्त्र-शस्त्रों से सुसज्जित रावण की असुर सेना, दूसरी ओर वृक्ष, चट्टान आदि उठाये भगवान राम की वानर और रीछों की सेना थी।

रावनु रथी बिरथ रघुबीरा। देखि बिभीषन भयउ अधीरा॥
अधिक प्रीति मन भा संदेहा। बंदि चरन कह सहित सनेहा॥
नाथ न रथ नहिं तन पद त्राना। केहि बिधि जितब बीर बलवाना॥

एक ओर रावण अस्त्र-शस्त्रों से लदे अपने विशाल रथ पर सवार चला आ रहा था, दूसरी ओर भगवान राम धरती पर नंगे पाँव खड़े थे| यह देखकर भगवान राम के प्रति अपने प्रेम से अधीर होकर विभीषण जी कहते हैं, “हे नाथ! न आपके पास रथ है, ना ही आपके पैरों में जूते तक हैं| रावण जैसे बलवान वीर से आप किस प्रकार जीत सकेंगे?”

भगवान राम मुस्कराते हुए कहते हैं , “सुनो मित्र! जिस रथ से विजय होती है, वह रथ ऐसा होता है..”
जीवन-रण के विजय-रथ में शौर्य और धैर्य रुपी दो पहिये होते हैं|
रणभूमि में रथ पर सवार रथी की पहचान के लिए रथ पर ध्वज और पताका (ध्वज के नीचे उससे थोड़े छोटे ध्वज को पताका कहते हैं) होते हैं| जब तक ध्वज और पताका रणभूमि में दिखती रहती है, रथी सकुशल माना जाता है|
जीवन के रण में विजय दिलाने वाले इस रथ के चार घोड़े हैं: बल, विवेक, दम और परहित यानी दूसरों की भलाई करना|
भगवान राम बताते हैं कि दंड देने का बल होने पर भी क्षमा और दया की संभावना हमेशा बनाये रखनी चाहिए|
बिरति यानी वैराग्य चर्म यानी ढाल है| वैराग्य की ढाल मोह से हमारी रक्षा करती है|
संतोष कृपाण यानी तलवार है जो कि अति महत्त्वाकांक्षा को काटती है|

राम और रावण के बीच युद्ध मे रावण का वध होता है ।
रावण के वध के साथ रोग, अपराध ,भ्रष्टाचार, गंदगी, लोभ, लालच, महिला उत्पीड़न, आज के दृष्टिकोण से मिलावट खोरी, टूटी सड़कें, सिल्ट से भरे नाले, अवैध निर्माण, अतिक्रमण, जाम, प्रदूषण जैसी बुराइयों का प्रतीक रावण को मानकर उसको जलाया जाता है और बुराइयों का अंत होता है। मंचन देखने आई हजारों की संख्या में भक्त जनों की भीड़ इस लीला मंचन का आनंद लेती है और मेले में लगी अस्थाई खाने में खिलौनों की दुकानों में खरीदारी करती है।

120 फुट ऊँचे रावण दहन किया गया। रावण दहन के पश्चात 2 घंटे से अधिक समय तक आतिशबाजी होती रही। आसमान में रंग-बिरंगे पटाखों की रोशनी से संपूर्ण मेरठ शहर जगमगा गया, 10,000 पटाखों वाली लड़ी का भरपूर आनंद वहां मौजूद बच्चों व जनता ने उठाया।

संपूर्ण लीला मंचन के लिए संस्था पदाधिकारियों व कलाकारों का उत्साहवर्धन कैंट विधायक अमित अग्रवाल द्वारा किया गया। लीला मंचन का विश्राम मनीष प्रताप द्वारा किया गया।

जिमखाना मैदान बुढ़ाना गेट मेरठ शहर व रामलीला मैदान के संपूर्ण मंचन की मुख्य भूमिका में कमल दत्त शर्मा जी रहे जिनके सहयोग से इस लीला मंचन का मेरठ की जनता में उत्साह भरा रहा।
कार्यक्रम का संचालन राकेश शर्मा ने किया , स्थल पर संस्था अध्यक्ष मनोज गुप्ता , महामंत्री मनोज अग्रवाल , कोषाध्यक्ष योगेंद्र अग्रवाल बबलू, रोहताश प्रजापति, अम्बुज गुप्ता, राकेश गर्ग, पंकज गोयल पार्षद, आलोक गुप्ता, विपुल सिंघल, प्रदीप अग्रवाल, अंकेश, राजन सिंघल, दीपक सिंघल, माधव जिंदल ,संदीप गोयल रेवड़ी, अजीत शर्मा, सचिन गोयल, अजय अग्रवाल, हर्षित गुप्ता, अपर मेहरा, आदेश कुमार लोहे वाले, प्रदीप कुमार गर्ग भट्टे वाले, मनोज अग्रवाल दवाई वाले, हर्षित गुप्ता, रचित गुप्ता, सुशील गर्ग, अनिल वर्मा, अर्पित भारद्वाज, विपिन बिजली वाले, राकेश गर्ग, शिवनीत वर्मा, संतोष सैनी, अम्बुज गुप्ता, सहित हजारों की संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।

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