झूठी तहरीर का आरोप-एमडी से शिकायत, आरटीआई कार्यकर्ता सचिन गुप्ता ने जब भ्रष्टाचार की पोल खोलनी शुरू की तो उनके खिलाफ थानों में झूठी शिकायतों की झडी लगा दी गयी। लेकिन आरटीआई एक्टिविस्ट पंडित नरेश शर्मा ने इस मामले को लेकर एमडी से मुलाकात की और आरोपी एई व जेई के खिलाफ भ्रष्टाचार के ठोस साक्ष्य सौपते हुए कार्रवाई कराने की भी बात कही। इति भ्रष्टाचार के आरटीआई कार्यकर्ता सचिन गुप्ता द्वारा ए०ई० मीटर एनपी सिंह और जेई श्रीपाल सागर के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत की गयी थी जिससे चिढ़कर दोनों ही विद्युत कर्मियों ने सचिन गुप्ता के खिलाफ दिल्ली गेट थाने में एससी एसटी एक्ट, धमकाने और ब्लैकमेलिंग की फर्जी तहरीर लेकिन इन आरोपों को साबित करने के लिए कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए वही इति भ्रष्टाचार के नरेश शर्मा ने कल MD से मुलाकात करते हुए दोनों की पुन: निष्पक्ष जांच करने की मांग की, ए ई मीटर एनपी सिंह को तो जांच में दोषी पाए जाने पर चार्जसीट भी दे दी गई है लेकिन नरेश शर्मा ने उनके निलंबन की मांग की है क्योंकि उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार से विभाग को 7-8 लख रुपए की वित्तीय हानि हुई है
घोटालो मे फसे एकाउंटेंट को बचाकर सर्कल के CA बाबू को किया सस्पेंड
मेरठ सर्कल-2 मे टेंडर फाइल मे LOI (Letter of Intent) जारी होने के बाद भी ठेकेदार का अग्रीमेंट ना करते हुए टेंडर कैंसल करने के मामले मे EDC-2 के CA बाबू प्रेम कुमार को तो सस्पेंड कर दिया गया लेकिन मामले मे मुख्य दोषी एकाउंटेंट सुरेंद्र कुमार सागर पर कोई कारवाई नही की गई जबकि एकाउंटेंट सुरेंद्र ने पहले भी EDD-1 मेरठ मे रहते हुए मेडिकल रिइंबर्समेंट मे फर्जीवाड़ा किया था जिसमें 7.50 लाख से अधिक के घोटाले की पुष्टि हो चुकी है और अभी जांच जारी है, EDD-1 में उनके कार्यकाल में हुए मेडिकल भुगतान की सभी फाइलें गायब हैं, भ्रष्टाचार के इतने संगीन आरोपों में फंसे होने और LOI जारी होने के बावजूद टेंडर कैंसिल करने के लिए अकाउंटेंट ही मुख्य दोषी है क्योंकि वह हर टेंडर अपने खास ठेकेदार को दिलाना चाहता है इसीलिए LOI जारी होने के बाद भी टेंडर कैंसिल कर दिया गया विभाग में चर्चा है कि एकाउंटेंट ने अपने SE-2 और SE ने चीफ से सेटिंग करके सारा खेल किया है, MD से मिलकर इसकी दोबारा निष्पक्ष जांच करने की मांग की जाएगी जय हिंद