सदर के कारोबारी हरिद्वार से लापता, मेरठ
सदर पुलिस स्ट्रीट निवासी नई मंड़ी के बडे कारोबारी राजेश बिंदल हरिद्वार से संदिग्ध अवस्था में लापता हो गए हैं। उनकी गुमशुगदी थाना सदर बाजार में दर्ज करा दी गयी है। राजेश बिंदल संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन अग्रवाल के बहनोई हैं। उनके अचानक लापता होने से परिवार वाले परेशान हैं। परिवार में पत्नी पूनम के अलावा एक बेटा व एक बेटी हैं। कारोबारी की तलाश में उनका बेटा व भाई बीते रविवार से हरिद्वार में डेरा डाले हुए हैं। पुलिस स्ट्रीट में राजेश मंजिला को दो मंजिला मकान है। विगत 11 सितंबर को उनकी पत्नी व बच्चे मकान के ऊपर वाले हिस्से में थे। वह खुद नीचे बैठे कुछ कारोबारी कार्य निपटा रहे थे। उसी दौरान उन्होंने थाना सदर बाजार के समीप रहने वाले राजीव वर्मा नाम के शख्स को बुलाया। दरअसल राजीव वर्मा अक्सर उनके घर का सामान लाकर दे दिया करता था। इसकी एवज में उसको खर्चे के लिए कुछ पैसे मिल जाते थे। 11 तारीख को राजीव वर्मा को उन्होंने अपना बैग दिया और बताया कि हरिद्वार चलना है। वह अक्सर हरिद्वार जाया करते थे। परिजनों ने सोचा कि अगले दिन आ जाएंगे। लेकिन वह नहीं लौटे। तो परिजनों को चिंता हुई। उन्होंने राजीव वर्मा जिसके साथ वह गए थे, बीते शुक्रवार को जब उससे पूछताछ की तो उसने कुछ भी जानकारी से मना कर दिया। सोमवार को जब व्यापार संघ अध्यक्ष नवीन गुप्ता व परिजन थाना सदर बाजार पहुंचे तथा राजीव वर्मा को बुलाकर पुलिस के द्वारा सख्ती से पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि जिस दिन मेरठ से गए थे उसके अगले दिन सुबह छह बजे राजेश बिंदल रूम से बाहर घूमने जाने की बात कह कर निकल गए थे। लेकिन जब वह 9 बजे तक भी नहीं लौटे तो राजीव वर्मा ने बताया कि वह होटल के स्टॉफ से राजेश को ढूंढने जाने की बात कर कह कर होटल रूम से निकल गया। लेकिन वह लौटकर होटल नहीं गया और बस से सीधा मेरठ अपने घर आ गया। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर ली है। कारोबारी की तलाश की जा रही है। नवीन गुप्ता ने बताया कि उनके बहनोई के छोटे भाई संजय बिंदल व पुत्र रविवार से हरिद्वार में ही डेरा डाले हुए हैं। वहां होटल स्टॉफ व पुलिस से भी संपर्क किया है। अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।
हरकी पौड़ी होटल लक्ष्मी डिलक्स में थे ठहरे
परिजनों ने बताया कि जानकारी करने पर पता चला कि हरिद्वार में हरकी पौड़ी स्थित होटल लक्ष्मी में उन्होंने रूम लिया था। वह अक्सर हरकी पौड़ी स्थित होटल व धर्मशालाओं में ही ठहरा करते थे।