शारदा के ठिकानों पर ईडी के छापे-मालिक जा चुके हैं पहले जेल

शारदा के ठिकानों पर ईडी के छापे-मालिक जा चुके हैं पहले जेल
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शारदा के ठिकानों पर ईडी के छापे-मालिक जा चुके हैं पहले जेल,

मेरठ। मेरठ के प्रसिद्ध उद्यमी शारदा एक्सपोर्ट्स के मालिक जितेन्द्र गुप्ता   के यहां मंगलवार सुबह अचानक ईडी की टीम ने छापा मारा। टीम ने कारोबारी के साकेत स्थित घर और परतापुर में स्थित कालीन फैक्ट्री, रेलवे रोड बर्फ खाने में बर्फ की फैक्ट्री और आलू कोल्ड स्टोर पर एक साथ छापेमारी की है। ईडी की इस कार्रवाई से  जितेन्द्र गुप्ता के करीबियों में हड़कंप मचा हुआ है। कालीन कारोबार के अलावा जितेन्द्र गुप्ता की पहचान धर्माथ कार्यों  के लिए भी पहचाने जाते हैं।  शारदा एक्सपोर्ट के मालिक अशीष गुप्ता साल 2019 में जेल जा चुके हैं जबकि उनके भाई आदित्य गुप्ता उस मामले में फरार हो गए थे। इनका साकेत में बंगला नंबर 192-ए है। परिवार दिल्ली के हौजखास इलाके में रहता है। शारदा एक्सपोर्ट कई देशों में कारपेट और फर्नीचर निर्यात करती है। आदित्य गुप्ता और आशीष गुप्ता ने नोएडा में क्लाउड नाइन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से रियल एस्टेट कंपनी की स्थापना की थी।


कंपनी ने सेक्टर-137 में ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट लांच करने के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण से जमीन ली थी। कंपनी पर नोएडा प्राधिकरण का 65.73 करोड़ रुपये बकाया है। उसकी आरसी जारी हुई थी और जुलाई 2019 में आशीष गुप्ता जेल गए थे, जबकि आदित्य गुप्ता फरार हो गए थे। इस कंपनी में लोगों से बड़ी धनराशि वसूलने के बाद उन्हें फ्लैट नहीं दिए गए। यह रकम दूसरी कंपनियों में हस्तांतरित कर दी गई।
मार्च 2024 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ईडी को कंपनी के प्रमोटरों की जांच के आदेश दिए थे। माना जा रहा है कि ईडी की कार्रवाई का उससे कोई ना कोई कनेक्शन है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मार्च 2024 में माना था कि कंपनी के प्रमोटरों ने घोर अनियमितताएं की हैं। न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) ने कंपनी की अनियमितताओं पर आंखें बंद रखीं और पट्टा रद्द नहीं किया। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को इस अनियमितता में शामिल कंपनी के निदेशकों और प्रमोटरों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिए थे। उन कंपनियों और संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश था, जिनमें क्लाउड नाइन का पैसा लगाया गया। कोर्ट ने पाया कि क्लाउड नाइन के निदेशकों और प्रमोटरों का इरादा नोएडा के साथ-साथ घर खरीदने वालों को धोखा देने का था। आशीष गुप्ता और उनके परिवार के पास क्लाउड नाइन में 70% शेयर सीधे या कंपनियों के माध्यम से थे। कोर्ट ने कहा कि वह परियोजना में सक्रिय रूप से शामिल थे। धन इकट्ठा कर रहे थे और उसे अन्य कंपनियों को हस्तांतरित कर रहे थे। इस्तीफा देकर निदेशक खुद को बचाने की कोशिश की।
कई देशों में होती है कालीन की सप्लाई

मेरठ के उद्यमी जितेंद्र गुप्ता का शारदा एक्सपोर्ट्स के नाम से कालीन का बड़ा कारोबार है। जितेंद्र गुप्ता की कई देशों में शारदा एक्सपोर्ट्स कालीन के नाम से सप्लाई होती है। देश-विदेश में कालीन की क्वॉलिटी को लेकर अच्छा नाम है। कारोबारी के दो बेटे हैं और दोनों अधिकांश विदेश में ही रहते हैं।

पहले घर, फिर अन्य ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी

ईडी की टीम सबसे पहले कंपनी के मालिक जितेंद्र गुप्ता के साकेत स्थित घर पर पहुंची। दूसरी टीम परतापुर रिठानी में उनकी कालीन फैक्ट्री में पहुंची। तीसरी टीम रेलवे रोड बर्फखाने पहुंची, चौथी टीम आइस फैक्ट्री और कोल्ड स्टोर में रेड डालने पहुंची है। सभी टीमों ने एकसाथ एक ही समय पर छापा मारा। सभी टीम अंदर दस्तावेज खंगाल रही हैं।

प्रधानमंत्री के 9 रत्नों और सीएम के स्वच्छता अभियान से हुए सम्मानित

कारोबारी जितेंद्र गुप्ता स्वच्छ भारत अभियान समिति के सदस्य हैं। जितेंद्र गुप्ता 2014 में प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान में 9 रत्नों में शामिल थे। प्रधानमंत्री ने जितेंद्र गुप्ता से अपने निजी आवास पर स्वच्छता प्रहरी के रूप में मुलाकात भी की है। कारोबारी ने मेरठ में ग्रामीण क्षेत्रों में करीब एक करोड़ रुपये खर्च करके 4 हजार से ज्यादा शौचालय बनवाए थे। साथ ही 20 से ज्यादा आरओ प्लांट गांवों में लगवा चुके हैं। स्वच्छ भारत ग्रामीण सेवा के तहत काफी काम किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इनके सेवा कार्यों के उत्कृष्ट कार्यों के तहत इन्हें 2 अक्टूबर 2019 में स्वच्छता ही सेवा सम्मान के लिए लखनऊ में सम्मानित किया जा चुका है।

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