कंकरीट के जंगल लील रहे हरियाली

कंकरीट के जंगल लील रहे हरियाली
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कंकरीट के जंगल लील रहे हरियाली / मेरठ /  मेडा (मेरठ विकास प्राधिकरण) के जोन बी रूड़की रोड सोफीपुर से सटी लावड रोड पर तमामा अवैध कालोनियों जिनमें मुख्यत: राधा कुंज व सोफीपुर का रामा कुंज मार्केट भी शामिल हैं, उनमें भराव के लिए धरती का सीना चीरकर दिन रात अवैध खनन भी कराया गया। बड़ी संख्या में जेसीबी मशीन व डंफर इस काम के लिए लगाए गए। ये डंफर व जेसीबी मशीनें आज भी लावड रोड पर विश्राम वाटिका कालोनी के समीप मेडा के जोन के अधिकारियों को चिढ़ते हुए खडेÞ देखे जा सकते हैं। केवल राधा कुंजा या राम कुंज ही नहीं इस इलाके में जितनी भी अवैध कालोनियां हैं उन सभी का भराव अवैध खनन से कराकर कराया गया। और यह अवैध खनन कोई एक दो दिन या दो चार महीने नहीं बल्कि कई साल मसलन करीब दो से तीन साल तक चला और ऐसा नहीं कि यह काम रोक दिया गया हो। लावड रोड पर जितनी भी अवैध कालोनियों में काम हो रहा है उन सभी की भराई आज भी अवैध खनन कराकर मंगवाई जा रही मिट्टी से किया जा रहा है। क्योंकि प्रशासन की ओर से खनन पर सख्ती से रोक लगायी गयी है। जब रोक है तो यह तो बात तय है कि भराव के लिए मिट्टी अवैध खनन से लायी जा रही है।
कंकरीट के जंगल लील रहे हरियाली
रामा कुंज व राधा कुंज सरीखी कालोनियों के लिए खड़ा किया जा रहा कंकरीट का जंगल इस इलाके की हरियाली को लील रहा है। जिन खेतों को खत्म किया गया, वहां अवैध कालोनी का काम शुरू करने से पहले अवैध कालोनी काटने वालों ने इसके गहरे खेतों में भराव का काम कराया। लंबे अरसे तो इसके खेतों का ही भराव चलता रहा। बडेÞ स्तर पर अवैध खनन कराया गया। रामा कुंज व राधा कुंज सरीखे दूसरे मार्केट व कालोनियों के लिए जो ट्रक और जेसीबी मशीनें उपयोग में लायी गयी हैं, वो आज भी इस कालोनी से कुछ दूरी पर विश्राम वाटिका के बाहर खड़ी देखी जा सकती हैं। आसपास के लोगों ने बताया कि केवल राधा कुंज ही नहीं बल्कि जोन बी में जहां-जहां भी अवैध कालोनियां का काम चल रहा है, वहां पर यही से जेसीबी मशीन व डंफर तथा ट्रक भेजे जाते हैं। जो शख्स अवैध खनन कराकर अवैध कालोनियों के लिए मिट्टी के इंतजाम का काम रहा है उसने भी इस रोड पर एक अवैध मार्केट मोदीपुरम पल्लवपुरम इलाके में कुछ अवैध कालोनियां में हिस्सेदारी रखी है।
राधा कुंज के दो रास्ते:
अवैध कालोनी राधा कुंज की विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसका एक छोर तो लावड रोड पर है और दूसरा छोर जटौली मार्ग स्थित शील कुंज वाले मार्ग पर स्थित है। ये दोनों ही इसके एंट्री गेट हैं। एंट्री गेटों को तैयार करने में भी कई दिन का वक्त लगा था। बल्कि यूं कहें कि राधा कुंज में अब प्लाटो की बिक्री शुरू करा दी गयी है। यहां दिन भर छत का सपना देखने वालों की आवाजाही लगी रहती है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं कि राधा कुंज में जो लोग आशियाना बनाने का सपना संजोए हैं उन्हें इस बात का इलम है या नहीं कि राधा कुंज एक अवैध कालोनी है और एक ना एक दिन इसका भी हश्र परतापुर के इटायरा गांव में काटी गयी अवैध कालोनियां या फिर किला रोड पर काटी गयी अवैध कालोनियों सरीखा संभव है।

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