चट्टानों को रौदने वाली सोनिया सिस्टम से हताश,
ऊंचे-ऊंचे पहाडों और चट्टानों पर फतह पाने वाली सोनिया शर्मा का हौसल बीएसए आफिस ने तोड़कर रख दिया है। उनके पति खरखौदा ब्लॉक के गांव गोविंदपुर में सरकारी टीचर थे। 18 दिसंबर 2021 को उनका निधन हो गया। पति के निधन के तत्काल उपरांत उच्च शिक्षा प्राप्त सोनिया ने बीएसए आफिस में मृतक आश्रित कोर्ट में स्पोर्ट टीचर या फिर लिपिक की नौकरी के लिए आवेदन किया। सोनिया ने बताया कि वह बीपी एड व एमपी एड के अलावा राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी रह चुकी है। एनसीसी की छात्रा के दौरान उसका चयन एवरेस्ट पर चढ़ने वाली टीम में हुए था। यूपी सरकार उन्हें विप्र गौरव से नवाज चुकी है। वह नेशनल स्तर पर लाइजन आॅफिसर रह चुकी है। इतनी काबलियत होने के बावजूद बीएसए आॅफिस ने उन्हें चपरासी की नौकरी का प्रस्ताव भेजा है। सोनिया ने बताया कि उसको उम्मीद थी कि पति की मौत के बाद बीएसए आॅफिस उसके साथ हमदर्दी से पेश आएगा। उसकी काबलियत को ध्यान में रखकर ही उसको नौकरी आॅफर की जाएगी ताकि अपने दो छोटे-छोटे बच्चों का वह भरण पोषण कर सके, लेकिन दुखद है कि उसकी तमाम काबलियतों की फाइल को बीएसए आॅफिस ने रद्दी की टोकरी में फैंक दिया और चपरासी की नौकरी का प्रस्ताव भेजा। उनका कहना कि इतना बड़ा अन्याय किया जाएगा उन्होंने कभी सोचा नहीं था। सोनिया ने बताया कि अपने साथ हो रहे अन्याय की शिकायत करने के लिए वो सीएम योगी के दरबार में पहुंची थीं। पिछले दिनो तहसील दिवस पर वह डीएम से मिलने पहुंची थीं। उसके बाद केवल इतना हुआ है कि सीडीओ ने उसकी बात सुनी हैं। सोनिया का कहना है कि पति के निधन से ज्यादा दुख तो उन्हें उस विभाग के लोग दे रहे हैं जिनकी सेवा में उनके पति ने पूरी जिंदगी दे दी।