सीईओ आफिस नींद में-माल रोड बदहाल, मेरठ
किसी दौर में कैंट इलाके की शान माल रोड सीईओ कैंट आॅफिस की उदासीनता के चलते इन दिनों बदहाल है। माल रोड की बात करें तो यह आवारा छुट्टा पशुओं का अभ्यारण बनकर रह गई है। गोवंश समेत तमाम आवारा पशुओं का यहां कब्जा है। लेकिन माल रोड की हमेशा ऐसी दुर्दशा नहीं थी। माल रोड कभी फौजी अफसरों की शान हुआ करती थी, इसके रखरखाव की जिम्मेदारी कैंट बोर्ड का स्टॉफ उठाया करता था। एक बार तो कैंट बोर्ड ने यहां लठैत तक तैनात कर दिए थे ताकि जिस रोड से फौजी अफसरों जिनमें सब एरिया कमांडर, कमांडर इन चीफ, सीडब्लूई, डीईओ, सीईओ कैंट सरीखे अफसरों की गाड़ियां उस पर कोई छुट्टा पशु आकर सेना की शान में गुस्ताखी ना करे, लेकिन वर्तमान में हालात इस कदर खराब हैं कि कैंट बोर्ड के जो सेक्शन हैड इसके लिए जिम्मेदार हैं उनकी उदासीनता के चलते माल रोड छुट्Þटा गोवंश व दूसरे आवारा पशुओं का कब्जा हो गया है। पूर्व में यहां जब भी फौजी अफसरों की गाड़ियों का काफिला गुजरता था, उस काफिले में शामिल गाड़ियों के ब्रेक ना लगे इसका खास ख्याल रखा जाता था, लेकिन अब हालात इतने बदत्तर हो चुके हैं कि माल रोड से किसी भी फौजी अफसर की गाड़ी बगैर रूके थमे आगे बढ़ ही नहीं सकती। कैंट बोर्ड के अफसरों का दावा है कि तमाम डेयरियां आबादी के बीच से हटा दी गयी हैं। उन्हें आबादी से बाहर शिफ्ट कर दिया गया है। यदि डेयरियां हटा दी गयी हैं तो फिर छुट्टा पशु कहां से आ रहे हैं। यदि छुट्टा पशु माल रोड पर आ रहे हैं तो फिर स्पष्ट है कि कैंट बोर्ड अफसरों के डेयरियां आबादी से शिफ्ट कर दिए जाने के दावे में झोल है। वहीं दूसरी ओर मामल रोड की बात करें तो इससे केवल फौजी अफसरों की गाड़ियां ही नहीं गुजरती हैं बल्कि यहां कई सैन्य प्रतिष्ठान व फौजी अफसर मैस भी हैं। इतना कुछ होने के बाद भी कैंट प्रशासन के आला अफसर माल रोड को लेकर नींद में नजर आते हैं।