दोस्तों ने ही की है गगन की हत्या,
मेरठ/\मेरे बेटे की हत्या दरोगा पुत्र ने ही की है। यह कहते-कहते गगन जिसकी हत्या का आरोप उसके पिता देवेन्द्र सिंह तेवतिया लगा रहे हैं, यह बात कहते-कहते रुआंसे हो गए। बुधवार को वह एसएसपी डा. विपिन ताडा से मिलने पुलिस आॅफिस पहुंचे थे। उनका आरोप है कि हत्या का आरोप एक दरोगा पुत्र पर है इसलिए उसको बचाने के लिए ही पुलिस ने हत्या की इस वारदात को आत्महत्या में बदल कर रख दिया है।
गगन हत्याकांड में 180 दिन बाद भी पीड़ित परिवार न्याय से वंचित है। कई विवेचक बदले लेकिन कोई निष्कर्ष निकलता दिखाई नहीं दिया। हर रोज एक पिता अपने बेटे को न्याय दिलाने की उम्मीद लेकर घर से निकलता है और शाम को बैरंग लौट जाता है। बेटे के हत्यारों को सजाा दिलाने के लिए उसके पिता दर-दर भटक रहे हैं और जिन्हें उन्होंने कसूरवार बताया है वो खुले घूम रहे हैं। बीती 24 मई को मेडिकल थाना के साईं नगर चाणक्यपुरी शास्त्रीनगर निवासी देवेंद्र सिंह तेवतिया के 18 वर्षीय बेटे गगन तेवतिया की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गयी। परिजनों ने गगन के दो दोस्तों पर हत्या का शक जताते हुए मुकदमा दर्ज कराया। परिवार ने तर्क दिया कि बेटे को अगर आत्महत्या करनी थी तो वह दोस्तों को लेकर नहीं जाता। यह भी सवाल उठाया कि कोई आत्महत्या कर रहा हो तो पास मौजूद व्यक्ति चुपचाप खड़ा होकर कैसे देख सकता है। तत्कालीन थानाध्यक्ष संजय द्विवेदी ने विवेचना शुरू की लेकिन उन्होंने दोनों युवकों को क्लीन चिट दे दी और अज्ञात में मुकदमा तरमीम कर दिया।
विवेचक बदले, नतीजा सिफर
विवेचक संजय द्विवेदी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने के बाद एसएसपी ने तत्कालीन इंस्पेक्टर लिसाड़ीगेट जितेंद्र सिंह को जांच सौंप दी। जांच चल ही रही थी कि उनको हटाकर परतापुर भेज दिया गया। देवेंद्र सिंह तेवतियां ने जांच फिर उनको ही दिलवा दी। पिछले दिनों उनको लाइन हाजिर कर दिया गया और जांच रुक गई। अब यह जांच इंस्पेक्टर परतापुर दिलीप सिंह बिष्ट कर रहे हैं।
एसएसपी से मिले
बुधवार को देवेंद्र सिंह तेवतिया इस मामले में एसएसपी डा. विपिन ताडा से मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि हत्यारोपी पुलिसकर्मी का बेटा है, जिसे बचाने का काम किया गया है। पुलिस के पास ऐसा कोई ठोस साक्ष्य भी नहीं है, जिससे यह साबित होता हो कि दोनों युवक निर्दोष हैं। इसके बावजूद उनको न्याय से वंचित किया जा रहा है।
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