इंसाफ के इंतजार में मिली मौत,
मेरठ/मेडिकल थाना क्षेत्र में एक साल पहले अंजाम दिए गए सनसनीखेज पेशाव कांड का पीड़ित इंसाफ के इंतजार में दुनिया से विदा हो गया, लेकिन मेडिकल पुलिस को नामजदों की गिरफ्Þतारी की फुर्सत नहीं मिली। यह स्थिति तो तब है जब एडीजी, आईजी और खुद एसएसपी लंबित विवेचनाओं को लेकर लगातार थानेदारों के पेंच कसते रहते हैं। गंगानगर निवासी कंप्यूटर छात्र 20 वर्षीय रितिक पुत्र करन सिंह का भी मामला कुछ ऐसा ही है। करीब एक साल पहले पीवीवीएनएल के लाइनमैन करन सिंह के पुत्र रितिक के साथ मेडिकल थाना क्षेत्र में 13 नवंबर को पेशाव कांड अंजाम दिया गया था। उक्त मामले में पिता की तहरीर पर पुलिस ने उक्त घटना में पुलिस ने आशीष मलिक को जेल भेजा था। इनके अलावा अवि शर्मा, राजन, मोहित ठाकुर के खिलाफ लिखा पढ़ी गयी थी। आशीष मलिक भी कुछ समय पहले जेल से जमानत पर बाहर आ गया। मृतक के परिजनों का आरोप है कि अवि शर्मा, राजन व मोहित ठाकुर ने मेडिकल पुलिस को मैनेज कर लिया। एक साल बाद भी उनकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकी। सूत्रों ने जानकारी दी है कि पुलिस और आरोपी इस मामले में समझौते के लिए तमाम हथकंडेÞ अपनाते रहे। लेकिन पिता करन ने समझौता नहीं किया। इसी मामले में सोमवार को उनकी एडीजे की कोर्ट में गवाही होनी थी, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते गवाही हो नहीं सकी। करन सिंह ने बताया कि पेशाव कांड के किसी आरोपी से उनका समझौता नहीं हुआ है। जिन्होंने उनके बेटे के साथ इतना बुरा सलूक किया उनसे भला वह कैसे समझौता कर सकते हैं।