हथियारों की करता था तस्करी
तीन साल पहले कंकरखेड़ा के डिफेंस एन्क्लेव में रहने वाले अनिल बालियान उर्फ बंजी से रोहन की मुलाकात हुई थी। उस समय बंजी प्रापर्टी की खरीद फरोख्त के साथ हथियारों की तस्करी भी करता था। इसी बीच अनिल बालियान ने मोदीपुरम स्थित कृषि विश्वविद्यालय के डीन राजबीर पर जानलेवा हमला किया था। अनिल के जेल जाने के बाद रोहन ने ही हथियार तस्करी का जिम्मा संभाल लिया। तभी से दोनों बड़े पैमाने पर हथियारों की तस्करी कर रहे थे। रोहन की धरपकड़ के दौरान अनिल बंजी मौके से भाग गया था। अनिल ने फरारी के बाद अपना मोबाइल नंबर बंद कर लिया है, जो फिलहाल वाट्सएप का प्रयोग कर रहा है। एसटीएफ ने उसके वाट्सएप नंबर की जानकारी जुटा ली है। बंजी की लोकेशन कश्मीर में मिल रही है।
संजीव जीवा गैंग से मिलाया था हाथ
बता दें कि 2013 में रोहटा रोड पर बदमाश धर्मेंद्र किरठल के साथी अनिल बामडोली की हत्या की गई थी। इस हत्याकांड में अनिल वालियान उर्फ बंजी पर मुखबिरी का शक जताया गया था। तभी से धर्मेंद्र किरठल और अनिल बंजी आमने-सामने आ गए थे। धर्मेंद्र से बचने के लिए अनिल बालियान ने संजीव जीवा गैंग से हाथ मिलाया। फैजाबाद जेल में अनिल बालियान ने संजीव जीवा से मिलकर 12 लाख में एके-47 और 1300 कारतूस खरीदें। ताकि धर्मेंद्र किरठल पर हमला करा सके। इसी बीच डीन राजवीर पर हमले के लिए भी अनिल बालियान उर्फ बंजी ने थाना भवन शामली के अनिल पिंटू से संपर्क किया था। अनिल उर्फ पिंटू को राजवीर की हत्या करने के लिए एके-47 और 1300 कारतूस दिए गए थे। यह एके-47 कश्मीर से संजीव जीवा से खरीदी थी। उस समय बंजी कश्मीर में रहने लगा था।