संविदा की छंटनी के नाम पर योगी सरकार का चाबुक

संविदा की छंटनी के नाम पर योगी सरकार का चाबुक
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-संविदा की छंटनी के नाम पर योगी सरकार का चाबुक,

-आउटसोर्सिंग कंपनियों की मनमानी पर रहेगा कायदे कानूनों का अंकुश

-संविदा कर्मचारियों को हटाने के लिए संबंधित विभाग की अनुमित की गई अनिवार्य

मेरठ। संविदा कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर ये है कि उन्हें अब छंटनी के नाम पर नौकरी से हाथ धोने के के खतरे से डरने की जरूरत नहीं है। सूबे की योगी सरकार ने छंटनी के नाम पर किसी भी संविदा कर्मचारी को मनमानी तरीके से नौकरी से बाहर कर दिए जाने परसख्ती से रोक लगा दी है। आउटसोर्स कंपनी को अब किसी भी कर्मचारी की छंटनी से पहले संबंधित विभागाध्यक्ष से अनिवार्य रूप से अनुमित लेनी होगी। मनमानी तरीके से कोई भी किसी को नौकरी से नहीं हटा सेगा। योगी सरकार के इस फैसले को संविदा कर्मियों के लिए राहत भरी खबर माना जा रहा है।

सूत्रों ने जानकारी दी है कि राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की तरह आउटसोर्सिंग कर्मियों के हितों में बड़ा फैसला किया है। आउटसोर्सिंग पर रखे जाने वाले कर्मियों को अब मनमाने तरीके से एजेंसियां नहीं निकल पाएंगी। उन्हें निकालने से पहले संबंधित विभागों से अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही हर माह की तय तारीख पर उन्हें मानदेय देना होगा। जेम पोर्टल से खरीदारी के साथ ही नीलामी भी अनिवार्य कर दी गई है। इसके आदेश के बाद विभाग अब स्क्रैप मनमाने तरीके से नहीं बेंच पाएंगे। उन्हें जेम पोर्टल के माध्यम से इसकी बिक्री करनी होगी। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बुधवार को जेम पोर्टल से खरीदारी और बिक्री के लिए संशोधित शासनादेश जारी करते हुए विभागाध्यक्षों को निर्देश भेज दिया है। शासनादेश में कहा गया है कि सेवा प्रदाता एजेंसियों द्वारा कर्मियों को रखने के लिए अवैध रूप से पैसा नहीं लिया जाएगा। सेवा में रखे जाने के बाद समय से पूरा भुगतान न करने के संबंध में शिकायत होने पर संबंधित एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे जाने के बाद किसी भी कर्मी को एजेंसियां स्वयं नहीं बदला सकेंगी। अनुशासनहीनता और दंडनीय अपराध होने की स्थिति में विभाग से अनुमति लेने के बाद ही निकाला जा सकेगा। अनियमितता रोकने के लिए आउटसोर्सिंग कर्मियों को सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से ही रखना अनिवार्य कर दिया गया है। इस अनिवार्यता से वतर्ममान में काम कर रहे कर्मियों की नहीं निकाला जाएगा। उन्हें भी जेम पोर्टल के माध्यम से ही रखा जाएगा। इसके लिए कार्यरत कर्मियों की सेवा के संबंध में संस्तुष्ट होने का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना होगा। केवल नए कर्मियों का चयन ही पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। ऐसे कर्मियों को समय से मानदेय देने के लिए एजेंसियों पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया गया है। पोर्टल से वरिष्ठता के आधार पर होगा चयन अभ्यर्थियों की तैनाती के लिए सेवायोजन विभाग द्वारा तैयार किए गए पोर्टल से वरिष्ठता के आधार पर चयन किया जाएगा। विभागों द्वारा कर्मियों की मांग के अनुसार एक कर्मी के लिए पांच आवेदनकर्ता और दो या उससे अधिक होने पर तीन गुना लिस्ट तैयार की जाएगी। आउटसोर्सिंग कर्मियों की उपस्थिति उसी माह के अगले कार्यदिवस को ई-मेल से विभागों को देना होगा और मानदेय इसके चार से छह दिनों के अंदर दिया जाएगा। जीपीएफ का पैसा हर माह की 14 तारीख को अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। एजेंसियों द्वारा कर्मियों का एक माह तक जीपीएफ में पैसा जमा नहीं किया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कंपनियों को ईपीएफ, ईएसआई और जीएसटी का पैसा समय से अनिवार्य रूप से जमा करना होगा।

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