हादसों का शिकार मरीजों पर वर्कशॉप, सड़क दुर्घटना से ग्रसित मरीजों के बचाव पर कार्यशाला- उत्तर प्रदेश शासन के आदेश के अनुपालन में आज गुरूवार को लाला लाजपत स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ में दो दिवसीय ट्रामा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने कार्यशाला का शुभारंभ किया तथा कहा कि मरीजों का उपचार संवेदनशील हो कर करना चाहिए। मरीज डाक्टरों को धरती का भगवान मानता है। इसलिए हम सभी का यह नैतिक दायितव है कि एक मरीज की उम्मीदों पर खरे उतरें। मरीज हम से बहुत उम्मीद रखते है। सभी याद रखें कि किसी भी मरीज व उनके तिमारदार की उम्मीद नहीं टूटनें पाए। जब भी आप डयूटी हो उस शपथ को जरूर याद करें जो डाक्टर बनने के बाद सबसे पहले ली थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ ललिता चौधरी आचार्य एवम विभागाध्यक्ष फिजियोलॉजी विभाग ने की। इस पूरे आयोजन में डा. नितिन त्यागी और उनकी टीम का अभूतपूर्व सहयोग रहा। मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रधारी डॉ वी डी पाण्डेय ने बताया कि कार्यशाला को दो पालियों में विभाजित किया गया प्रथम पाली पूर्वाह्न 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक चली जिसमे मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा अध्यनरत 114 जूनियर रेसिडेंट डॉक्टरों, नान पी जी जूनियर रेसिडेंट डॉक्टरों, इंटर्न डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया गया। प्रथम वक्ता के रूप में डॉ ज्ञानेश्वर टांक आचार्य एवम विभागाध्यक्ष अस्थि रोग विभाग एवम प्रभारी अधिकारी ट्रामा सेंटर ने सड़क दुर्घटनाओं पर संछिप्त व्याख्यान दिया। डॉ कृतेश मिश्रा सहायक आचार्य अस्थि रोग विभाग ने गोल्डेन अवधि में प्राथमिक उपचार एवम रोगी को अल्प अवधि में अस्पताल पहुचने पर व्याख्यान दिया। डॉ मानवेन्द्र गौड़ सहायक आचार्य अस्थि रोग विभाग ने घायल रोगीयों के पृथकीकरण को विस्तार से समझाया। डॉ सुधीर राठी आचार्य एवम विभागाध्यक्ष शल्यचिकित्सा विभाग ने मेजर और माइनर ट्रामा के विषय मे विस्तृत व्याख्यान दिया। अंत में डॉ धीरज राज बालियान आचार्य शल्यचिकित्सा विभाग ने ट्रामा केयर, मरीजों की अच्छी देख भाल के विषय में विस्तार से समझाया।द्वितीय पाली अपराह्न 2 से साम 5 बजे तक उपरोक्त सभी वक्ताओं ने 67 नर्सिंग एवम पैरा मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया।