सलाखों के पीछे नजर आएंगे क्रिमिनल,
मेरठ। रेंज के 29420 अपराधी पुलिस के लिए सिरदर्द बने हैं। इसकी वजह रेंज में अपराधी पुलिस से लगभग तीन गुना ज्यादा हैं। रेंज में पुलिस वाले 12 हजार हैं और चिन्हित अपराधी 29420 है। यह संख्या तो उनकी है जो चिन्हित किए गए हैं, अपराधियों का यह नंबर यदि बढ़ भी जाए तो हैरान होने की जरूरत नहीं। लेकिन इन आंकड़ों से घबराने या डरने की कतई जरूरत नहीं है। इनको सलाखों के पीछे पहुंचाने की योजना पर डीआईजी ने काम शुरू कर दिया है।
नवागत डीआईजी कलानिधि नैथानी नैथानी के पारी की शुरूआत के बाद रेंज के इन अपराधियों की कुंडली बॉची जा रही है। येअपराधियों सभी हत्या, हत्या का प्रयास, लूट व डकैती और रंगदारी सरीखे अपराधों का हिस्सा रहे हैं। इनमें कोई भी छोटा क्रिमिनल नहीं हैं। इतनी बड़ी संख्या में अपराधियों की मौजूदगी वाकई डराने वाली है। ये आंकडे मेरठ, बुलंदशहर, बागपत और हापुड़ जनपद के हैं। हालांकि गनीमत इस बात की है कि हापुड़ अपराधियों के आंकडे के मामल में आखिरी पायदान पर खड़ा है, लेकिन अपराधियों के मामले में जनपद मेरठ की रेपुटेशन सबसे पुअर यानी शर्मसार करने करने वाली है। मेरठ जनपद की बात करें तो यहां अपराधियों की संख्या 9788 यानि की दस हजार से थोड़ा कम।
आंकडे एक नजर में
अपराधियों के आंकड़ों पर यदि नजर डालें तो
-मेरठ में 9788
-बुलंदशहर में 7766
-बागपत में 7590
-हापुड में 7590
आपरेशन पहचान का परिणाम
डीआईजी कलानिधि नैथानी ने बताया कि उन्होंने पूरी रेंज में अपराधियां की पहचान के लिए पुलिस का आपरेशन पहचान चलाया हुआ है। उन्होंने बताया केवल अपराधियों की पहचान ही नहीं की जा रही है। इनका आपराधिक डाटाबेस भी तैयार किया जा रहा है या करा लिया गया है। इन अपराधियों की कुंडली बॉचने का काम लगे हाथों चल रहा है। दरअसल डीआईजी का प्रयास अपराधियों की कमर तोड़ने का है जो इस रेंज में शायद इतने बडे व संगठित स्तर पर पुलिस के द्वार पहली मर्तबा किया जा रहा है। चिन्हित अपराधियों की कठोर निगरानी और इनके विरूद्ध निरोधात्मक कार्यवाही के लिए रेंज के चारों जनपदों के थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
सत्यापन, जमानत खारिज, संपत्ति की कुर्की
डीआईजी ने बताया कि रेंज में जितने भी अपराधी अब तक चिन्हित कर लिए गए हैं। उनके सत्यापन के अभियान के साथ ही ऐसे अपराधियों की जमानत निरस्त करने व संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई भी कोर्ट की मार्फत की जाएगी। अपराधियों की जगह जेल की सलाखें हैं। उन्हें वहीं भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि आपरेशन पहचान के तहत बीते दस सालों के अपराधों से सम्बन्धित अपराधियों का अब तक का एक डेटाबेस तैयार कराया गया।
डेटाबेस के परिशीलन से पाया गया कि जनपद मेरठ में गैंगस्टर के अन्तर्गत 1860 अपराधी, डकैती के अन्तर्गत 448 अपराधी, लूट/स्नेचिंग के अन्तर्गत 2567 अपराधी, नकबजनी के अन्तर्गत 1235 अपराधी, चोरी (ट्रांसफार्मर चोरी/तार चोरी/पशु चोरी/एटीएम चोरी/अन्य चोरी) के अन्तर्गत 3678 अपराधी जनपद मेरठ में कुल 9788 अपराधियों को चिन्हित किया गया।
जनपद बुलंदशहर में गैंगस्टर के अन्तर्गत 1411 अपराधी, डकैती के अन्तर्गत 582 अपराधी, लूट के अन्तर्गत 2421 अपराधी, नकबजनी के अन्तर्गत 1772 अपराधी, चोरी (ट्रांसफार्मर चोरी/तार चोरी/पशु चोरी/एटीएम चोरी/अन्य चोरी) के अन्तर्गत 1580 अपराधी जनपद बुलंदशहर में कुल 7766 अपराधियों को चिन्हित किया गया।
जनपद बागपत में गैंगस्टर के अन्तर्गत 645 अपराधी, डकैती के अन्तर्गत
370 अपराधी, लूट के अन्तर्गत 1486 अपराधी, नकबजनी के अन्तर्गत 604 अपराधी, चोरी (ट्रांसफार्मर चोरी/तार चोरी/पशु चोरी/एटीएम चोरी/अन्य चोरी) के अन्तर्गत 5252 अपराधी जनपद बागपत में कुल 7590 अपराधियों को चिन्हित किया गया।
जनपद हापुड़ में गैंगस्टर के अन्तर्गत 818 अपराधी, डकैती के अन्तर्गत 119 अपराधी, लूट/चेन स्नेचिंग के अन्तर्गत 464 अपराधी, नकबजनी के अन्तर्गत 382 अपराधी, चोरी (ट्रांसफार्मर चोरी/तार चोरी/पशु चोरी/एटीएम चोरी/अन्य चोरी) के अन्तर्गत 1726 अपराधी जनपद हापुड़ में कुल 3509 अपराधियों को चिन्हित किया गया।
परिक्षेत्र के जनपदों में लगभग 12 हजार पुलिस बल उपलब्ध है। प्रत्येक द्वारा 3 से 4 अपराधियों का सत्यापन करने हेतु निर्देशित किया गया है। गैंगस्टर एवं गंभीर श्रेणी के अपराधियों का सत्यापन निरीक्षक/उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा और अन्य श्रेणी के अपराधियों का सत्यापन मुख्य आरक्षी/आरक्षी स्तर द्वारा करने हेतु निर्देशित किया गया।