साउथ व सेंट्रल के बीच दौड़ी रैपिड,
MEERUT/मेरठ साउथ व सेंट्रल स्टेशन के बीच रविवार को जब जब रैपिड का ट्रायल रन हुआ तो उसको देखने के लिए वहां भारी संख्या में लोग जमा हो गए। तमाम लोगों ने उस मंजर को मोबाइल में कैद किया और कुछ ही देर में यह ट्रॉयल सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गया।
ट्रायल रन की प्रक्रिया में ट्रैक और ट्रैक्शन के साथ परीक्षण किया जा रहा है। इस दौरान ट्रेन कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम (टीसीएमएस) के तहत आरंभ में मैन्यूअल तरीके से ट्रेन को आॅपरेट किया जा रहा है। ट्रेन को मेरठ साउथ स्टेशन से बहुत धीमी रफ्तार में मेरठ सेंट्रल के भूमिगत खंड से ठीक पहले तक के खंड तक लाया गया, जहाँ से वापसी में इसकी रफ्तार को थोड़ा बढ़ाते हुए मेरठ साउथ वापस ले जाया गया। इन ट्रेनों को 40 किमी प्रति घंटे से लेकर 135 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति पर इस दूरी में चला कर इनका परीक्षण किया जा रहा है। ट्रायल रन के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, ट्रेनों में सैंड बैग भरकर वजन परीक्षण करना और ट्रेनों की गतिशील परिस्थितियों में सुरक्षा संबंधी जांच शामिल है। यात्रियों के लिए राइडिंग कम्फर्ट या आरामपूर्वक यात्रा का भी मूल्यांकन किया जाता है। ट्रेनों को कॉरिडोर में ट्रैक पर विभिन्न मोड़ों पर चलाया जाता है। सिग्नलिंग, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी), ओवरहेड सप्लाई सिस्टम आदि प्रदर्शन की जांच करने हेतु कुछ परीक्षण भी किए जा रहे हैं।
मेरठ में 23 किमी की लंबाई
मेरठ मेट्रो कॉरिडोर की कुल लंबाई 23 किलोमीटर है, जिसमें 18 किमी एलिवेटेड और 5 किमी हिस्सा अंडरग्राउंड है। इसके लिए 3 भूमिगत स्टेशन समेत कुल 13 स्टेशन बनाए जा रहे हैं, जिनके नाम मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो हैं। इनमें से मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम स्टेशनों पर नमो भारत व मेरठ मेट्रो, दोनों सेवाएं उपलब्ध होंगी। मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल अंडरग्राउंड स्टेशन होंगे जबकि बाकी स्टेशन एलिवेटेड होंगे।
स्टेशन का काम लास्ट स्टेज पर
सभी स्टेशनों का काम लास्ट स्टेज पर है। इनमें से परतापुर और रिठानी मेट्रो स्टेशनों पर तो ओएचई का कार्य भी पूर्ण हो गया है और वहां फिनिशिंग कार्य किया जा रहा है। शताब्दी नगर स्टेशन तक पीएसडी लगाए जा चुके हैं और लाइटिंग की व्यवस्था भी हो गई है। अंडरग्राउंड सेक्शन के मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल स्टेशन अपने आकार में आ चुके हैं और इनकी फिनिशिंग का कार्य भी गति से प्रगति कर रहा है। एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि इस वर्ष पूरे मेरठ मेट्रो कॉरिडोर को जनता के लिए परिचालित कर दिया जाए।
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