पुलिस के हाथ खाली-पेशानी पर बल

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पुलिस के हाथ खाली-पेशानी पर बल,

दस दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली

हत्याकांड के खुलासे में देरी से पेशानी पर बल
तेजी से घट रहे हैं पुलिस के विकल्प, जल्द ना खुला तो बलि तय
सूबे के पुलिस प्रमुख अब खुद कर रहे हैं हत्याकांड की मानिटरिंग
मेरठ/लिसाड़ीगेट थाना के सुहेल गार्डन हत्या कांड के खुलासे में देरी से पुलिस के आला अफसरों की पेशानी पर बल है। माना जा रहा है कि इसके खुलासे में हो रही देरी किसी ना किसी बलि जरूर ले सकती है। दरअसल सूबे के पुलिस प्रमुख स्वयं खुलासे के नाम पर चल रही कार्रवाई की अब निगरानी कर रहे हैं। सूत्रों में माने तो डीजीपी मेरठ में मौजूद आला अधिकारियों के समक्ष खुलासे में हो रही देरी को लेकर अपनी चिंत जाहिर कर चुके हैं। जानकारों का कहना है कि डीजीपी की चिंता को पुलिस महकमे में उनकी नाराजगी के तौरा पर देखा जाता है और डीजीपी की नाराजगी का मतलब किसी न किसी का नप जाना तय माना जाता है।
दस दिन बाद भी पुलिस के खाली
सुहेल गार्डन निवासी मोइन समेत पूरे परिवार की हत्या को सप्ताह बीत चुका है। वारदात वाले रोज पुलिस जहां खड़ी थी आज भी वहीं पर नजर आ रही है। हत्या कांड के खुलासे के नाम पुलिस ने मोइन के सोतेले भाई तस्लीम व भाभी नजराना और सलीम को उठायाा था। वारदात के बाद पूछताछ के नाम पर इन्हें तत्काल हिरासत में ले लिया गया था। जिस तर्ज पर इस कांड का मास्टर माइंड माना जा रहा तांत्रिक नईम व उसका पुत्र सलमान वारदात के बाद से गायब हैं, जानकारों का कहना है कि यदि थोड़ी सी भी चूक कर दी होती तो जिनकी बाद में गिरफ्तारी दिखाई गयी है और हत्याकांड में नामजदगी की गयी है, वो भी हाथ से फिसल गए होते। नईम व सलमान की तर्ज पर उनकी भी फिर तलाश की जाती।
मुकदमे में नामजदगी हासिल कुछ नहीं
मोइन एंड फैमली हत्या कांड में पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर या कहें डेमेज कंट्रोल के नाम पर मोईन के सगे भाई सलीम, सगी भाभी नजराना और सौतेले भाई तस्लीम की गिरफ्तारी व नामजदगी दिखा दी, लेकिन पुलिस के आला अधिकारी मानते हैं कि उनसे कुछ उगलवा नहीं सके। जिनकी गिरफ्तारी व नामजदगी की बात पुलिस कहती है, पूछताछ में उनसे मिली जानकारी के सवाल पर भी पुलिस बंगले झांकने लगती है। पुलिस के आला अधिकारियों की अब सारी उम्मीदें मोइन के सौतेले भाई तांत्रिक नईम पर जाकर टिक गई हैं। उनका मानना है कि नईम व उसके बेटे ने ही हत्या कांड को अंजाम दिया है। अपनी बात को पुख्ता करने के लिए पुलिस के आला अधिकरी नईम का पुराना क्राइम प्रोफाइल सामने रख देते हैं। उस पर इनाम का भी एलान कर दिया। नईम ही नहीं उसके बेटे सलमान को भी इनामी बना दिया गया है।
कम होते जा रहे हैं आॅप्शन्स
घटना के खुलासे के नाम पर पुलिस के पास अब आॅप्शन मसलन विकल्प तेजी से कम हो रहे हैं। वारदात के बाद खुलासे के नाम पर सात टीमों के गठन की जानकारी दी गयी थी। बाद में वो पांच कर दी गयीं। अब पांच से भी घटाकर केवल दो टीमें कर दी गयी हैं। ये दोनों टीमें महाराष्ट्र में डेरा डाले हैं। हालांकि केवल टीमें भेज देने भर से पुलिस की उम्मीदें जवां नहीं हैं। खुद अधिकारी भी मान रहे हैं कि नईम के ठौर ठिकाने का अभी तक कोई पुख्ता सुराग नहीं मिला है।
वर्जन
वारदात के बाद से गायब नईम ने अपना मोबाइल बंद किया हुआ है। वह मोबइल यूज नहीं कर रहा है। नासिक स्थित उसके घर पर भी पुलिस पड़ताल कर चुकी है। लेकिन ठिकाने का ठोस सुराग नहीं मिल पा रहा है। दो टीमें महाराष्ट्र में डेरा डाले हैं। आयुष विक्रम सिंह एसपी सिटी

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