NGT-से बेखौफ-ग्रीन ब्लैट पर कब्जा

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NGT-से बेखौफ-ग्रीन ब्लैट पर कब्जा,

एनजीटी का खौफ नहीं, ग्रीन बेल्ट पर भी कब्जा
ONE FARRER को नोटिस देकर कार्रवाई भूले अफसर
करोड़ों रुपए कीमत की जमीन पर होटल मालिक का कब्जा
अवैध पार्किंग के कब्जा ली हाइवे से सटी एनएचएआई की जमीन
मेरठ/एनएच-58 हाइवे पर कुछ भूमाफियाओं ने सिंचाई विभाग के रजवाहा और दोनों साइड की उसकी पटरी पर कब्जा कर खड़ौली व जानी के भोला व आसपास के बडे इलाके की हरियाली को लील लिया है। अवैध होटल ONE FARRER बनाने वालों ने तो सिंचाई विभाग के रजवाहे को कब्जा कर वहां आना जाने का रास्ता बना लिया है। इतना ही होटल बनाने वालों ने केवल रजवाहा ही नहीं कब्जाया है, बल्कि हाइवे से जिस जमीन को एनजीटी ने ग्रीन बैल्ट की श्रेणी में रखा है उस पर भी कब्जा कर अवैध पार्किंग बना ली गयी है। सिंचाई विभाग के रजवाहा और दोनों साइडों पर अवैध कब्जा इसके अलावा ग्रीन बैल्ट पर कब्जा लेकिन यहां सवाल उन अफसरों की कार्यप्रणाली पर है जिन्हें सूबे की सरकार ने सरकारी जमीनों पर कब्जे कर अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को भेजा है या फिर सिंचाई विभाग के जिन अफसरों पर जिन्हें टेल तक पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है, मसलन नहर और रजवाहों को दुरूस्त रखने की जिन अफसरों की जिम्मेदारी है। हाइवे पर ONE FARRER बनाने वालों ने इतना बड़ा गुनाह कर डाला। इस मामले में जिस कार्रवाई की अपेक्षा संभवत लखनऊ में बैठे उच्च पदस्थ अफसरों द्वारा मेरठ के इन अफसरों से अपेक्षित की होगी वो अभी तक नजर नहीं आ रही। सिंचाई विभाग का रजवाहा हो या फिर ग्रीन बैल्ट और एनएचएआई की जमीन सभी पर कब्जे हैं और अफसर इन कब्जों पर बजाए कार्रवाई के पूरी तरह से लापरवाह नजर आते हैं।
इस लापरवाही के दो ही मंतव्य निकाले जा सकते हैं पहला तो यह कि ONE FARRER बनाने वालों ने इन अफसरों का इमान खरीद लिया है जिसके चलते ये अफसर वो काम नहीं कर पा रहे हैं जिसके लिए सूबे के सीएम ने इन्हें यहां भेजा है या फिर ये खौफ में हैं। जो कार्रवाई के नाम पर दो कदम आगे चार कदम पीछे नजर आते हैं।
ONE FARRER को नोटिस देकर भूले
समाजिक सरोकारों व भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए जनवाणी ने सिंचाई विभाग के रजवाहे और ग्रीन बैल्ट को बचाने के लिए खबरों की मार्फत उच्च पदस्थ अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी याद दिलाने का काम किया। इसका इतना असर जरूर हुआ कि रजवाहे पर किए गए अवैध कब्जे को लेकर ONE FARRER को सिंचाई विभाग ने नोटिस जारी कर दिया। लेकिन नोटिस जारी करना भर पर्याप्त नहीं। मुख्य कार्य तो रजवाही की सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराना है और उसको पूर्व की अवस्था में लाना है। सिंचाई विभाग के इस इस खंड के कपिल गोस्वामी बताते हैं कि दो फेरर वन समेत करीब दर्जन भर स्थानों पर रजवाहे की जमीन को कब्जा गया है। सलावा से लेकर घाट गांव तक इस 33 किलोमीटर के रजवाहे पर सबसे बड़ा कब्जा होटल ONE FARRER  का है। इस होटल ने रजवाह पर दो स्थानों पर कब्जा किया है। वहां पक्का निर्माण कर आने जाने की व्यवस्था की है। नियमानुसार रजवाहे पर कहीं भी लैंटर मसलन पक्का निर्माण नहीं किया जा सकता, लेकिन ONE FARRER होटल वालों ने तमाम कायदे कानूनों को ठोकर मारकर सिंचाई विभाग के इस रजवाहे को कब्जा लिया। उन्होंने केवल रजवाहा ही नहीं कब्जाया है, बल्कि ग्रीन बैल्ट का बड़ा हिस्सा भी कब्जा कर वहां हाइवे के किनारे अवैध पार्किंग बना डाली है। यह अवैध पार्किंग किसी रोज किसी बडे हादसे की वजह बननी तय है।
अवैध ONE FARRER में सभी का गुनाह है शामिल
एनएच-58 हाइवे पर मौत के मुजसमे के मानिंद बनाए गए होटल ONE FARRER जिसको पहले दो फेरर के नाम से जान जाता था, बाद में कहीं अज्ञात कारणों के चलते इसका नाम बदल कर फेरर वन कर दिया गया। कभी भी किसी बडे हादसे की वजह बनने वाले इस होटल बनने में सभी बराबर के गुनाहकार हैं। मेरठ विकास प्राधिकरण के अफसरों की यदि बात करें तो सबसे बडे गुनाहगार तो टाउन प्लानर विजय सिंह हैं। विजय सिंह शुरू से ही इस होटल का नक्शा पास होने का दावा करते रहे। लेकिन जब आरटीआई की मार्फत प्राधिकरण से इस होटल के मानचित्र को लेकर जानकारी मांगी गयी तो बताया गया कि होटल का कोई मानचित्र स्वीकृत नहीं किया गया। यह तो बात हुई टाउन प्लानर विजय सिंह के झूठ के पर्दाफाश होने की।
अवैध माना फिर भी कार्रवाई नहीं
जोन सी-वन स्थिति होटल फेरर वन को आरटीआई में प्राधिकरण प्रशासन ने अवैध माना लेकिन हरियाली का कत्ल कर बनाए गए इस होटल को गिराने के लिए बजाए हाथ खोलने के प्राधिकरण प्रशासन के तमाम उच्च पदस्थ अधिकारी हाथ बांधे नजर आ रहे हैं। आरोप तो यहां तक लग रहे कि होटल के अवैध निर्माण की एवज में बड़े स्तर पर बड़ी सेटिंग गेटिंग की गयी। सेटिंग गेटिंग के आरोप लगाने वाले सही हैं या गलत लेकिन जनवाणी इस बात की गारंटी लेता है कि मेडा वीसी का इससे कोई सरोकार नहीं। उनका दामन भी दागदार नहीं। हां यह जरूर हो सकता है कि ONE FARRER बनाने में मदद करने वालों ने सही जानकारी उपाध्यक्ष को ना दी हो, जिसकी वजह से यह अभी तक जमीदोज नहीं किया जा सका है। अब जब सिंचाई विभाग ने नोटिस दे दिया है तो उम्मीद की जानी चाहिए कि प्राधिकरण के अफसर भी अपने हाथ खोलेंगे।
एनएचएआई अफसरों की जानलेवा लापरवाही
एनएचएआई के मेरठ खंड के अफसरों की बात की जाए तो इस पूरे प्रकरण में यदि कोई गुनाहकार है तो वो हैं एनजीटी के मेरठी अफसर। नियमानुसार हाईवे पर दोनों ओर एक निर्धारित सीमा तक किसी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता। सुरक्षा के तय मानकों के चलते यह नियम बनाया गया है, लेकिन ONE FARRER के बाहर हाइवे के किनारे ग्रीन बेल्ट की जमीन पर कब्जा ही नहीं किया गया बल्कि वहां निर्माण भी कर लिया गया। अवैध पार्किंग बना दी गयी। लेकिन एनएचएआई के अफसरों को इससे कोई सरोकार नजर नहीं आता। दरअसल मौत के मुजसमे ONE FARRER के अवैध निर्माण की बात की जाए तो यदि सिंचाई विभाग के नोटिस और मामले की जांच के लिए प्रशासन की कमेटी को अपवाद मान लिया जाए तो इस तर्ज पर प्राधिकरण व एनएचएआई प्रशासन से इस अवैध होटल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

यह कहना है सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता गंगहर
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता गंग नहर प्रमोद कुमार ने बताया कि जनवाणी की खबरों का संज्ञान लेकर ONE FARRER को नोटिस जारी किया जा चुका है। इस मामले में कार्रवाई को तत्कालीन जिलाधिकारी ने पूर्व में सीडीओ की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया है। जिसमें एसडीएम व सिंचाई विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। सिंचाई विभाग ने  ONE FARRER के अवैध कब्जों के खिलाफ फोर्स के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। उस पत्र के उत्तर में बताया गया कि फोर्स अभी व्यस्त है। पहले चुनाव ड्यूटी और वर्तमान में कुंभ ड्यूटी में फोर्स की व्यस्तता की जानकारी प्रशासन ने सिंचाई विभाग को दी है। अधिशासी अभियंता ने बताया कि फोर्स के मिलते ही बगैर किसी देरी के रजवाहा को अवैध कब्जे से मुक्त करा दिया जाएगा।
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