नहीं चलेगी आंकड़ों की बाजीगरी,
मेरठ/यूपी पावार कारपोरेशन के अफसर जानबूझ का ऊर्जा निगम के घाटे में दिखा रहे हैं ताकि निजीकरण किया जा सके। यह सनसनीखेज आरोप विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने लगाया है। साथ ही संघर्ष समिति ने बिजली निजीकरण के विरोध में विरोध प्रदर्शन जारी रखने का भी एलान किया है। संघर्ष समिति के संयोजक व सहसंयोजक इं निशान्त त्यागी व कपिल देव गौतम ने आरोप लगाय कि घाटे और एटी एंड सी हानियों के बढ़ा चढ़ा कर दिए जा रहे गलत आंकड़ों के पीछे की मंशा उजागर की जाएगी।
वेतनमान में प्रतिगामी बदलाव से टकराव के आसार
संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि प्रबंधन द्वारा बिजली कर्मियों के समयबद्ध वेतन मान में कोई भी प्रतिगामी बदलाव किया गया तो इसके गम्भीर परिणाम होंगे। बिजली कर्मी इसका सशक्त प्रतिकार करने हेतु सीधी कार्यवाही करने को विवश होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी। संघर्ष समिति ने कहा कि ऐसी चर्चा है कि बिजली कर्मियों को डराने हेतु उनको मिल रहे समयबद्ध वेतन मान में प्रतिगामी बदलाव किया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को प्रदेश भर में परियोजना मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किए गए। ऊर्जा भवन पर काली पट्टी बांधकर निजीकरण खिलाफ आवाज बुलंद की। संयोजक ने चेतवनी दी कि निजीकरण के विरोध में जनसंपर्क करने का अभियान चलाएंगे। घाटे के आंकड़े बढ़-चढ़ा कर बताने के पीछे मंशा क्या है, इसका खुलासा किया जाएगा ।
संघर्ष समिति के इं सीपी सिंह (सेवानिवृत, इं कृष्ण कुमार साराश्वत, इं निशान्त त्यागी, इं प्रगति राजपूत, कपिल देव गौतम, जितेन्द्र कुमार, दिलमणि, मांगेराम, दीपक कश्यप, प्रदीप दरोगा, भूपेंद्र, कासिफ आदि ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में पॉवर कारपोरेशन के आंकड़े के अनुसार वर्ष 2023-24 में एटी एंड सी हानियां 25.26 प्रतिशत हैं जबकि आरएफपी डॉक्यूमेंट में 49.32 प्रतिशत हानियों बताई गई है। दक्षिणांचल में वर्ष 2023-24 में एटी एंड सी हानियां 22.75 प्रतिशत हैं, आरएफपी डॉक्यूमेंट में यह 34.33 प्रतिशत बताईं। वर्ष 2010 में जब आगरा शहर टोरेंट पावर कंपनी को दिया गया था तब भी आगरा में 54 प्रतिशत हानियां बताई गई थी और इस कारण हुए करार का दुष्परिणाम आज भी पॉवर कारपोरेशन भुगत रहा है। आगरा में वर्ष 2023-24 में पॉवर कारपोरेशन ने रु 05.55 प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदकर टोरेंट पावर कंपनी को रु 04.36 प्रति यूनिट में बेचा और एक वर्ष में 275 करोड़ रु का नुकसान उठाया। विगत 14 वर्षों में पॉवर कारपोरेशन आगरा में टोरेंट पावर कंपनी को खरीद से कम मूल्य पर बिजली देने मे 2434 करोड़ रुपए का नुकसान उठा चुकी है।
संघर्ष समिति ने चेताया कि अब पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण में इससे भी बड़ा घोटाला करने की तैयारी है जिसका दुष्परिणाम आम उपभोक्ताओं को बिजली की बेतहाशा बढ़ी दरों से चुकाना पड़ेगा।