कहां है घोटाले की वो पहली रिपोट,
अफसरों पर निलंबन व रिकबरी की संस्तुति थी की गई
मेरठ/साल 2018 में अंजाम दिए गए राशन घोटाले को लेकर बनायी गयी सबसे पहली जांच समिति की रिपोर्ट ही गुम कर दी गयी। उस रिपोर्ट का कोई भी अफसर जिक्र तक करने को तैयार नहीं है। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश खाद्य आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष के हस्ताक्षर से 27 अगस्त 2018 को मुख्य सचिव खाद्य एवं रसद विभाग उत्तर प्रदेश शासन को भेजे गए पत्र में बेहद गंभीर व फटकार भरी टिप्पणी करते हुए निर्देशित किया गया कि राशन घोटाल के उदगम स्थल व भ्रष्टाचार की त्रिवेणी इलाहाबाद में डीआईजी फूड सेल व एसएसपी को भेजकर सात दिन में जांच रिपोर्ट तलब की जाए। इस दौरान तत्कालीन जिला आपूर्ति अधिकारी व अपर जिलाधिकारी आपूर्ति को भी हटाए जाने के आदेश दिए गए। साथ ही यह भी आदेश दिया गया कि डीआईजी फूड सेल प्रदेश के सभी जनपदों जहां-जहां राशन घोटाला अंजाम दिया, वहां जांच के लिए टीम रवाना करें। याद रहे कि राशन घोटाले में मेरठ जनपद तीसरे स्थान पर था।
इसके साथ ही इस पत्र में राज्य खाद्य आयोग के तत्कालीन सदस्य सरोज प्रसाद, डा. डीसी मिश्रा व अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद विभाग को आदेश दिया कि राष्ट्रीय खाद्यान सुरक्षा अधिनियम योजना के खाद्यान की नियमानुसार वसूली की जाए। यह इतना गंभीर प्रकरण है कि इसमें दोषी विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध भी वही कार्रवाई की जाए तो राशन डीलरों के विरूद्ध की जाए।
ईपॉश मशीन आॅपरेट करने वाली कंपनी के आपरेटरों/प्रोग्रामरों एवं संबंधित कार्य से जुडेÞ कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यों की भी जांच की जाए। यदि घोटाले में कंपनी के अधिकारियों का भूमिका पायी जाए तो इनके विरूद्ध भी पीवी एक्ट के तहत नियमानुसार कार्रवााई की जाए।
बोलने को तैयार नहीं अफसर
खाद्य आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों के इस पत्र के सापेक्ष्य जो जांच की गई व आयोग ने जो निर्देश दिए उसको लेकर विभाग के आला अफसर कुछ कहने को तैयार नहीं। मामले की पैरवी करने वाले मैराजुददीन बतात हैं कि उनकी शिकायत पर हाईकोर्ट नें भी विगत 14 दिसंबर 2021 को एक आदेश में आयोग के पत्र में संदर्भित की गयी जांच रिपोर्ट तलब की थी।
इंसेट
मौखिक बातचीत-CBCID-यह कैसी जांच
राशन घोटाले की जांच कर रही सीबीसीआईडी ने राशन डीलरों के यहां जिन उपभोक्ताओं के राशन कार्ड लगे थे उनसे संपर्क किया। उपभोक्ताओं ने बताया कि जो लोग आए थे उन्होंने बताया कि जो जांच को आए हैं, लेकिन जांच व बयान दर्ज करने के नाम पर केवल उनके आधार कार्ड व मोबाइल नंबर भर लिए। इसको लेकर आपत्ति दर्ज करने हुए उपभोक्ता साइना पत्नी शुएब निवासी बेरून सराय सरधना व इसी इलाके की रहने वाली शाहिद पत्नी अकील ने जांच कर रही अपराध शाखा/अपराध अनुसंधान विभाग/सीबीसीआईडी खंड़ मेरठ को पत्र भेजकर आपत्ति भी दर्ज करायी है।