23 करोड़ की दरकार-वो नहीं दिला पा रहे

23 करोड़ की दरकार-वो नहीं दिला पा रहे
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23 करोड़ की दरकार-वो नहीं दिला पा रहे,

मेरठ/केंद्रीय बजट के बाद अब यूपी के बजट में भी मेरठ के हिस्से में झुनझुना आया है। करीब तीन दशक से हवाई उड़ान का इंतजार कर रहे मेरठ को एक बार फिर निराशा ही हाथ लगी है। उम्मीद की जा रही थी कि छोटे विमानों यानि 72 सीटर विमान की उड़ान के लिए महज 23 करोड़ की व्यवस्था सूबे की योगी सरकार के इस बजट में जरूर की जाएगी, लेकिन इस रकम का प्रावधानद किया जाना तो दूर की बात योगी सरकार के बजट में मेरठ से हवाई उड़ान का जिक्र तक नहीं किया गया। हवाई उडान के मामले में केंद्रीय बजट से निराश मेरठ के जो लोग योगी सरकार से 23 करोड़ रुपए मिलने की आस लगाए बैठे थे वो भी निराश हैं।
आसपास उड़ान ही उड़ान
वेस्ट यूपी में मेरठ ही ऐसा जनपद था जहां करीब तीस साल पहले यानि मायावती की शासनकाल में परतापुर स्थित हवाइ पट्टी से उड़ान की आस जगी थी। मेरठ की परतापुर हवाई पट्टी से उड़ान का सपना देखा गया था, लेकिन यह सपना आज भी सपना ही बना हुआ है। इसके इतर मेरठ के आसपास के जनपदों को ना केवल हवाई उडान को तोहफा दिया गया बल्कि वहां से हवाई उड़ान शुरू भी करा दी गयीं। सबसे बड़ा उदाहरण तो जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। जेवर का प्रस्ताव काफी बाद का है, लेकिन वहां विश्व स्तर का एयरपोर्ट शुरू भी हो गया। जेवर तो छोड़िये मेरठ इतर जहां हवाई उड़ान शुरू करायी गयीं उनमें सहारनपुर, मुरादाबाद सरीखे जिले भी शामिल हो गए। और अब योगी सरकार के बजट में गोरखपुर, अलीगढ और श्रावस्ती सरीखे जिलों को भी हवाई उड़ान का तोहफा दिया गया है।
नेताओं की फौज-दावों में नहीं दम
मेरठी नेताओं की बात करें तो यहां सत्ताधारी नेताओं के नाम पर पूरी फौज है। लोकसभा, राज्यसभा के सांसद, दो-दो मंत्री, भाजपा के अलावा एक विधानसभा के इतर सभी पर भाजपा का कब्जा। इनके अलावा खुद को पीएम, सीएम, गृह मंत्री का करीबी बताने वाले नेताओं का पूरा अमला। इतना ही नहीं जब-जब हवाई उड़ान की बात आती है तो हवाई उड़ान से ज्यादा ये नेता एक दूसरे से बढ़कर दावे करने को ज्यादा तवज्जो देते हैं। हवाई उड़ान से ज्यादा मीडिया में उड़ान की बातें ज्यादा हो रही हैं। जब-जब हवाई उड़ान के नाम पर पब्लिक के बीच फजीहत होने लगती है तब तब ये नेता हवाई उड़ान का पुराना राग अलापने लगते हैं।
सिर्फ 23 करोड़ की दरकार
हवाई उड़ान के लिए कोई बहुत बड़ी या लंबी चौड़ी रकम नहीं चाहिए, महज 23 करोड़ की दरकार है। गंगा एक्सप्रेस वे को हरिद्वार से लिंक के नाम पर पचास करोड़ की व्यवस्था योगी सरकार के बजट में की गयी है, यह स्वागत योग्य है और जनवाणी भी इसका स्वागत करता है। लेकिन हवाई उडान के लिए तो महज 23 करोड़ दरकार है। यह रकम मेरठ में कोषागार में जमा करा दी जाएगी। 72 सीटर छोटे विमान के लिए जितनी जमीन की जरूरत है उसको लेकर जो मामला चल रहा है जिसके पक्ष में भी फैसला आएगा उसी को वो रकम मिल जाएगी। 23 करोड़ की जो रकम चाहिए वो भी एक तरह से सरकार के खजाने में ही जमा होगी। अभी किसी को दी नहीं जा रही है, लेकिन उस रकम के मिल जाने से हवाई उड़ान का रास्ता जरूर साफ हो जाएगा। मेरठी नेताओं की फौज से इतना सा काम नहीं हो पा रहा है।

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