रिश्वत/एससी व लिपिक सस्पेंड

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रिश्वत/एससी व लिपिक सस्पेंड,

एसई को एमडी ने थमाई आरोपों की लंबी फेरिस्त
आॅफिस में नोटों का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ था वायरल
मेरठ/सीएम योगी की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस नीति को पलीता लगाते हुए पीवीवीएनएल के एक एसई व उनके लिपिक पर आठ लाख के ठेके में ढाई लाख की रिश्वत का आरोप है। इसको लेकर नोटों का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसे चलते अधीक्षण अभियंता संजीव कुमार निर्मल और उनके लिपिक मनोज कुमार को उनके सस्पेंशन आदेश थमा दिए गए हैं। बताया जाता है कि मामले को लेकर एमडी बेहद सख्त हैं। वहीं दूसरी ओर इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। बताया गया है कि पीवीवीएनएल के कुछअफसर अब ठेकेदारों तथा अन्य अंजान से बातचीत में पूरी सावधानी बरत रहे हैं।
जानकारों की मानें तो पीवीवीएनएल में कुछ नीचे के अफसरों ने अपने चहेते ठेकेदारों के साथ मिलकर ठेकों पूरा सिंडिकेट तैयार कर लिया है। आरोप है कि टेंडर के एवज में इन दिनों 25% दलाली का रेट चल रहा है। इस रेशों पर काम दिया जा रहा है और चर्चा है कि ठेका लेने वाले कुछ 25 फीसदी दे भी रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि यदि 25 फीसदी के रेट की बात सही तो फिर अंदाजा लगा लीजिए कि किस तरह और क्वालिटी का काम किया जा रहा होगा। यहां जिस मामले का जिक्र हो रहा है बताया गया है कि वो पीवीवीएनएल के जनपद बुलंदशहर के एसई-थर्ड के लिपिक से जुड़ा है जिन्हें निलंबित कर दिया गया है। जिसको लेकर लिपिक का रिश्वत लेते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। आरोप तो यहां तक लगाए गए है कि डील के बाद वसूली गई है रिश्वत, 8 लाख के टेंडर पर ढाई लाख तक की रिश्वत की बात सामने आ रही है। इस मामले को लेकर बुलंदशहर के अधीक्षण अभियंता संजीव कुमार निर्मल को भी सस्पेंशन आदेश थमा दिए गए हैं। यह भी पता चला है कि संबंधित ठेकेदार से बात न बन पाने की वजह से उसको ठेका भी निरस्त किया गया। इतना ही नहीं उसको सबक सिखाने के लिए केस लगाने का भी प्रयास किया। संजीव कुमार निर्मल को सस्पेंशन आदेश के साथ ही उन पर लगाए गए आरोपों की एक लंबी लिस्ट भी थमा दी गयी है। ये आदेश बेहद गंभीर हैं।

एमडी आॅफिस से अटैच धीरज सिन्हा छोडेगे नौकरी

पीवीवीएनएल चीफ धीरज सिन्हा 28 फरवरी को नौकरी छोड़ देंगे। पिछले दिनों यूपीपीसीएल के एमडी ने रिकबरी में कोताही का आरोप लगाते हुए धीरज सिन्हा पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें सीट से हटाकर एमडी आॅफिस से अटैच कर दिया था। इस कार्रवाई से पीवीवीएनएल में हालांकि हड़कंप मच गया था लेकिन इस कार्रवाई के बाद चीफ ने महकमा छोड़ने का मन बना लिया। उन्होंने वालेंटरी सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया जिसको सरकार ने स्वीकार कर लिया। 28 फरवरी को वह पीवीवीएनएल और सरकारी नौकरी को अलविद कह देंगे।

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