गल्ला के दस करोड़ कीमत के गोदाम को जब्त करने के लिये पुलिस ने पूरे दस्तावेज तैयार कर लिए हैं। पुलिस का दावा है कि रक्षा मंत्रालय ने गोदाम की जमीन अपनी बताई है, जिस पर गल्ला ने अवैध तरीके से कब्जा किया हुआ है। इस जमीन की पैमाइश होगी। रक्षा मंत्रालय द्वारा भी जांच शुरू हो गई है।
वेस्ट एंड रोड स्थित रक्षा मंत्रालय की जमीन पर हाजी गल्ला ने लूट-चोरी के वाहनों को काटने के लिए दस साल पहले गोदाम बनाया था। यहां आसपास कई बड़े स्कूल भी हैं। पुलिस ने पहले भी कई बार इस गोदाम पर छापा मारकर चोरी की लग्जरी गाड़ियों के इंजन और पार्ट्स बरामद किए थे।
मेरठ में वाहन कटान के सबसे बड़े केंद्र सोतीगंज को हटाने के लिए कैंट विधायक ने चिट्ठी लिखी है। मेरठ कैंट सीट से भाजपा के विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने छावनी परिषद् के सीईओ को पत्र दिया है। विधायक ने कहा कि सोतीगंज के कारण हमेशा सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनी रहती है, जो कभी भी मेरठ में माहौल बिगाड़ सकती है।
वाहनों के पॉर्ट्स रखकर बंद किए रास्ते विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल इस संबंध में मंगलवार को छावनी परिषद् के मुख्य अधिशासी अधिकारी से मिलकर चिट्ठी दी। विधायक ने कहा मेरठ कैंट में वार्ड-4, वार्ड 5 के अंतर्गत मोहल्ला रविंद्रपुरी और सोतीगंज आता है। यहां कबाड़ियों ने सभी गलियों में अवैध रूप से अतिक्रमण किया है। कबाड़ियों ने गलियों में कटी गाड़ियों के बॉडी पार्ट्स रखकर रास्ते बंद कर दिए हैं। इसकी वजह से जनता को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके कारण रोजाना झगड़े होने का खतरा बना रहता है। इससे सांप्रदायिक तनाव के हालात बने रहते हैं।
शांति बनाए रखने को हटवाएं अतिक्रमण विधायक ने कहा कि क्षेत्र में झगड़े व सांप्रदायिक माहौल को देखते हुए तत्काल प्रभाव से यहां से कटी गाड़ियों के पार्ट्स हटवाएं। तारतुल कुरान मस्जिद एवं मदरसा सोतीगंज के सचिव युनूस ने भी विधायक से क्षेत्र में पुरानी मस्जिद के पा के नाले, खाली सरकारी स्थान में हुए अवैध कब्जे, लकड़ी, लोहे की अस्थायी दुकानों को हटाकर क्षेत्र कब्जा मुक्त कराने की भी मांग की है। विधायक ने कैंट बोर्ड से इसे हटवाने की मांग की।
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मेरठ पुलिस मेहरबान तो वाहन चोर पहलवान
गाड़ियों का कमेला सोतीगंज से अब कैंट के बंगलों में शिफ्ट
सिर्फ जगह बदली चोरी की गाड़ियाें का कटान कैंट के बंगलाें में बादस्तूर जारी
कैंट बोर्ड की बैठक में विधायक अमित अग्रवाल भी उठा चुके हैं डीईओ के बंगलों में गाड़ियों के
जनवाणी संवाददाता, मेरठ
देश भर में मेरठ के दामन पर दाग की वजह बना सोतीगंज का चोरी की गाड़ियों का कमेला अब सोतीगंज से कैंट के बंगलों तथा शहर के कुछ दूसरे इलाकों में शिफ्ट हो गया है। मेरठ पुलिस की छत्रछाया में वाहन चोर कबाड़ी खूब फलफूल रहे हैं। वर्ना क्या वजह जो आज भी देश के किसी भी राज्य में गाड़ी चोरी होती है तो वहां की पुलिस सीधे मेरठ के सोतीगंज का रूख करती है। मेरठ पुलिस यह नहीं कह सकती कि सोतीगंज में अब चोरी की गाड़ियों का कमेला संचालित नहीं किया जा रहा है। ना ही पुलिस के इस दावे पर यकीन करने की कोई वजह नजर आती है। क्योंकि अनेक बार ऐसा हुआ है जब बाहर की पुलिस सोतीगंज में दबिश के साथ ही उस चोर को भी लेकर आयी है जिसने सोतीगंज के कबाड़ियों को चोरी की गाड़ी बेचती होती है। इसलिए यदि पुलिस के अफसर यह कहते हैं कि उन्होंने सोतीगंज में चोरी की गाड़ियों की खरीद-फरोख्त या वाहनों के कमेले के बंद करा दिया है तो फिर वो किसी मुगालते में जी रहे हैं, क्योंकि जब सोतीगंज में चोरी की गाड़ियां बेची जा रही हैं तो यहां उन गाड़ियों को काटा भी जा रहा है इसमें किसी प्रकार का मुगालता नहीं रह जाता। थाना सदर बाजार के सोतीगंज से इलाके से गाड़ियों का कमेला कुछ ही समय पहले शिफ्ट हुआ है। और इसका पूरा श्रेय किस अन्य नहीं बल्कि उस वक्त में यहां एसएसपी रहे प्रभाकर चौधरी के आलावा किसी को नहीं जाता। वो प्रभाकर चौधरी सरीखे ईमानदार व दृष्ट निश्चय वाले आईपीएस अफसर ही थे जिन्होंने मेरठ के दामन से चोरी के वाहनों के कमेले को संचालित करने का दाग धुलवाने का काम किया। प्रभाकर चौधरी सरीखी हिम्मत ना तो उनसे पहले और न ही उनके बाद के किसी आईपीएस अफसर ने दिखाने की हिम्मत जुटायी। दरसअल इस हिम्मत को दिखाने की पहली शर्त ईमानदारी होती है। उनके बाद के आने वाले अफसरो में शायद प्रभाकर चौधरी सरीखी ईमानदारी की झलक नजर नहीं आयी। हम किसी को बेइमान बताने की हिमाकत कतई नहीं कर रहे है, लेकिन यह भी कटू सत्य है कि जो बात प्रभाकर में थी वो मेरठ में आए बाकि के आईपीएस अफसरों में नजर नहीं आयी।प्रभाकर चाैधरी में वाकई कुछ ऐसा था जिसको आज भी केवल महकमा ही नही बल्कि जो भी उनके संपर्क में आया वो आज भी याद करता है। कंधे पर बैग टांगकर किसी भी जिले में चार्ज लेने को पहुंचने वाले प्रभाकर चौधरी का यही अंदाजा उन्हें बाकि के आईपीएस से अलग करता है। इसके अलावा काम व अपराधियों के प्रति उनका सख्त मिजाज होना। क्या मजाल जो उनके कार्यकाल में किसी थानेदार की इतनी हिम्मत हो जाए कि सूबे की योगी सरकार का कोई मंत्री जायज काम के लिए कहे और थानेदार बजाए पीड़ित की एफआईआर लिखने के योगी के मंत्री की बात को ही सुनकर अनसुनी कर दे जैसा कि मुंडाली के एक गांव के दलित प्रधान मोटी खटीक के मामले में हुआ।
शुरूआत खुद की सफाई से
चोरी की गाड़ियों के कमेले का दाग मेरठ के दामन से छुडाने वाले प्रभाकर चौधरी ने जब ऑपरेशन सोतीगंज की शुरूआत की तो उन्होंने सबसे पहला काम महकमे से शुरू किया। सोतीगंज के वाहन चोर कबाड़ियों की जो पुलिस वाले चाकरी करते थे, सबसे पहले उनकी खबर ली। कुछ के खिलाफ कार्रवाई की तो कुछ को ऐसी जगह भेज दिया कि वो सोतीगंज का नाम लेने से सपने में भी डरें। प्रभाकर चोधरी ने अपने घर यानि पुलिस से कार्रवाई की शुरूआत की। उसके बाद उन्हाेंने चुन-चुनकर वाहन चोर कबाड़ियों की खबर लेनी शुरू की। सोतीगंज के 112 कबाड़ियों की फेरिस्त तैयार कराने का काम केवल प्रभाकर चौधरी सरीखे आईपीएस अफसर ही कर सकते हैं बाकि में ना तो वो जुर्रत नजर आयी और न ही वो कलेवर दिखाई देता है।
चोरी और सीना जोरी
प्रभाकर चौधरी के कार्यकाल में सोतीगंज के जिन कबाड़ियों ने मेरठ छोड़ दिया था। यहां तक कि लंबे अरसे तक जेल के सींखचों के भीतर हरने के बाद जब बाहर आए तो उनमें इतनी हिम्मत नहीं रह गयी थी कि सोतीगंज में अपने घर परिवार वालों के साथ रह सकें। तमाम कबाड़ियों ने लंबे वक्त के लिए मेरठ ही नहीं खुद को घर परिवार से भी दूर कर लिया था। लेकिन जैसे ही उन्हें हालात माकूल नजर आए उन्होंने सोतीगंज में अपने दुकानें खोल लीं। छदम नामों से खोली गई इन दुकानों की आड़ में एक बार फिर से वाहन कमेला गुलजार करने की पटकथा लिखी जा रही है। अब इसे वाहन चोर कबाड़ियों की चोरी ओर सीना जोरी ना कहें तो फिर क्या कहें। पुलिस के अफसर भले ही कुछ भी सफाई देते रहे हैं, लेकिन जो घटनाक्रम चल रहा है उससे इस बात पर यकीन करने की कोई वजह नहीं रह जाती कि सोतीगंज के वाहन चोर कबाड़ी दोबारा से चोरी के वाहनों को काटने लगे हैं।
बोर्ड बैठक में विधायक उठा चुके हैं मुद्दा
कैंट बोर्ड की बैठक में विधायक अमित अग्रवाल मेरठ कैंट स्थत डीईओ के बंगलों में चोरी की गाड़ियां काटे जाने का मामला दो बार उठा चुके हैं। सदर थाना क्षेत्र के इलाके में पड़ने वाले डीईओ के बंगलों में चोरी की गाड़ी के कटान को लेकर कोई शक सुबहा करने की वजह बाकि नहीं रह जाती है। मेरठ पुलिस की छत्रछात्रा में कैंट के बंगलों पर में चोरी की गाडियां काटे जाने का मामला पहले भी उठाया जाता रहा है, लेकिन तब पुलिस की ओर से दाएं बाएं की बात कहकर वाहनों का कमेला संचालित करने की बात काे ही घूमा दिया जाता था, लेकिन अब तो कैंट विधायक ने यह मामला उठाया है तो इस यकीन ना करने की कोई वजह नहीं रह जाती है। कैंट की कोठियों में मेरठ पुलिस की छत्रछाया में चोरी की गाडियों का कमेला चल रहा है यह बात तो अब योगी सरकार के मेरठी पुलिस अफसरों को मान लेना चाहिए।