अवैध खोखे क्या कैंट बोर्ड की शह, मेरठ छावनी के लालकुर्ती पैठ एरिया में अवेैध खोखों की भरमार कैंट बोर्ड सीईओ ज्योति कुमार के अवैध कब्जों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम को मुंह चिढाते नजर आ रहे हैं या कहें की ये खोखे सीईओ कैंट को खुली चुनौती दे रहे हैं। हैरानी तो इस बात की है कि सरकारी जगह पर कब्जा कर रखे जा रहे इन खौखों से सीईओ को दी जा रही चुनौती के बाद भी कैंट बोर्ड सेनिटेशन व इंजीनियरिंग सेक्शन एक्शन मोड में आने के मूड में नजर नहीं आ रहा है। सीईओ कैंट की ओर से हिदायत दी गयी है कि अवैध निर्माण हो या फिर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा उसकी नियमित रूप से रिपोटिंग की जानी चाहिए। लेकिन लगता है कि कैंट बोर्ड का स्टाफ लालकुर्ती के पैठ एरिया में खोखे डालकर अवैध कब्जे करने वालों के आगे घुटने टेके हुए हैं, शायद यही कारण है कि इनके खिलाफ कैंट बोर्ड प्रशासन कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। हालांकि सुनने में तो यह भी आया कि पैठ एरिया में सरकारी जमीन पर अवैध खोखे रखकर कब्जे कराने के एवज में दस से पंद्रह लाख तक लिए जा रहे हैं। यह कहना जल्दबाजी होगी कि इस भ्रष्टाचार में कैंट बोर्ड का स्टाफ भी लिप्त है या नहीं। यह जांच का विषय है। लेकिन ऐसा सुनने में आया है। वहीं दूसरी ओर अवैध खोखों के कारण पहले से भीड़ वाले इलाकों में शामिल पैठ एरिया इलाके से अब पैदल गुजरना भी दुश्वार हो गया है। अवैध खोखों ने पूरे लालकुर्ती पैठ एरिया का हुलिया बिगाड़ कर दिया है। अवैध खोखे डाले जा रहे हैं। सरकारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। यह तो सच और सामने भी है, लेकिन यह कैंट बोर्ड के किस अधिकारी की शह पर किया जा रहा है, यह बड़ा सवाल है। ऐसा कौन है जो सीईओ कैंट के प्रयासों को पलीता लगाने वालों से हाथ मिलाए हुए हैं। इसका खुलासाा यदि नहीं किया गया तो पूरा पैठ एरिया अवैध खोखों से पट जाएगा।