कैंट बोर्ड सेनेट्री सेक्शन का कंप्यूटर सीज

कैंट बोर्ड-बैक डेट में पेमेंट पर मोहर
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कैंट बोर्ड सेनेट्री सेक्शन का कंप्यूटर सीज, कैंट बोर्ड मेरठ के डोर टू डोर ठेकेदार को कथित रूप से अनुचित लाभ पहुंचा कर भारत सरकार को राजस्व की हानि पहुंंचाने के मामले की शिकायत के साइड इफैक्ट नजर आने लगे हैं। मामले की जांच के लिए मध्य कमान लखनऊ से मेरठ पहुंचे डायरेक्टर ने जांच शुरू कर दी है। सुनने में आया है कि कैंट बोर्ड के सेनेट्री सेक्शन हेड वीके त्यागी के अलावा एकाउंट सेक्शन का भी कंप्यूटर सीज कर दिया गया है। आशंका जतायी जा रही है कि तमाम कायदे कानून ताक पर रखकर डोर टू डोर ठेकेदार से दोस्ती निभाने के चक्कर में सरकारी खजाने को जो चूना लगाया गया है उसके सारे साक्ष्य इसी कंप्यूटर में मौजूद हैं। वहीं दूसरी ओर जानकारों का मानना है कि यदि कंप्यूटर में कुछ भी गलत मिलता हैं तो इस जांच की आंच में मेरठ कैंट बोर्ड में बतौर सीईओ रहे नावेन्द्र नाथ तक जरूर तपिश पहुंचेगी। दरअसल इस सारी जांच के केंद्री बिदुं ही पूर्व सीईओ नावेन्द्र नाथ बताए जा रहे हैं। उन पर डोर टू डोर ठेके में भुगतान में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाते हुए सब एरिया मुख्यायल से लेकर मध्य कमान और डीजी डिफेँस तक को शिकायत भेजी गयी हैं। कैंट बोर्ड के स्टाफ में आपस में सुगबुगाहट है कि पूरे मामले में सेक्शन हेड पर शिकंजा कस सकता है। वहीं दूसरी ओर पता चला है कि कैंट प्रशासन उनसे एक साल तक अपने निजी आवास पर संविदा कर्मचारी से काम कराने को लेकर भी खासा नाराज है। हालांकि यह तय नहीं कि यह बात अभी जांच के लिए मेरठ कैंप कर रहे मध्य कमान लखनऊ के डायरेक्टर डीएन यादव तक पहुंची है। डीएन यादव के मेरठ प्रवास ने तमाम उन लोगों की सांसें अटका दी हैं जिनके तार अवैध निर्माण मामलों से जुड़े बताए जा रहे हैं। मध्य कमान से आए जांच अधिकारी क्या कर रहे हैं। किसी रिमांड पर लिया गया है या फिर किस के पेंच कसे जा रहे हैं, इसी की सुरागकशी में दिन भर लगे रहे। वैसे जांच टॉप सीक्रेट रखी जा रही है।

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