अभी सींखचों के पीछे ही रहेंगे रंजीत, मेरठ कैंट के बाउंड्री रोड स्थित ऋषभ एकाडेमी के गवन घोटाले के मामले में जेल भेजे गए आमसभा द्वारा बर्खास्त पूर्व सचिव रंजीत जैन की जमानत अर्जी को हाईकोर्ट की बैंच संख्या 79 ने सुनने से साफ इंकार कर दिया है। शुक्रवार 29 जुलाई को जेल के सीखचों के पीछे रह रहे रंजीत जैन की जमानत अर्जी पर सुनवाई होनी थी, लेकिन न्यायमूर्ति ने यह कहकर सुनने से इंकार कर दिया कि जिस कोर्ट में व जिन न्यायमूर्ति ने इस मामले में पहले आदेश किए हैं, वहीं इसकी सुनवाई के लिए अधिकृत हैं। माननीय न्यायमूर्ति ने यह भी टिप्पणी की है कि वह इस जमात अर्जी को सुनने के लिए अधिकृत नहीं है। शुक्रवार को जमानत अर्जी को वापस कर दिए जाने के बाद जहां तमाम पैरोकारों को बड़ा झटका लगा है, वहीं दूसरी ओर विधि विशेषज्ञों की राय में रंजीत जैन की फिलहाल सीखचों से बाहर आने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। विधि विशेषज्ञों का यहां तक कहना है कि जिस प्रकार से जमानत के लिए रंजीत जैन की फाइल काेर्ट दर कोर्ट भटक रही है, वह कम से कम रंजीत जैन के केस के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता। इसके पीछे विधि विशेषज्ञ यानि कानूनी जानकारों का यह भी तर्क है कि इस केस का कोर्ट में ट्रायल भी शुरू हो गया है। रही सही कसर शुक्रवार को हाईकोर्ट की अदालत द्वारा जमानत अर्जी पर पर विचार करने से इंकार कर दिए जाने से पूरी हो गयी। उल्लेखनीय है कि सीए संजय कुमार जैन की एक शिकायत पर जांच के बाद थाना सदर बाजार पुलिस ने रंजीत जैन और प्रिंसिपल याचना भारद्वाज को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सदर सर्राफा बाजार में इस बात की खासी चर्चा है कि पैरोकार कई दिन से पूरी तैयारियों के साथ अटैची लेकर इलाहाबाद में डेरा डाले हुए थे। पिछली तारीख पर भी तमाम दावे किए गए थे, यह बात अलग है कि शतरंज की बिसात पर सारे पासे उलटे पड़ गए। इंकार कर दिया।