जाट व किसानाें को साधने का प्रयास

जाट व किसानाें को साधने का प्रयास
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जाट व किसानाें को साधने का प्रयास, भूपेन्द्र चौधरी की ताजपोशी को जाटों खासकर वेस्ट के जाटों व किसानाें को साधने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही वेस्ट यूपी समेत दिल्ली से सटी किसान बेल्ट में टिकैत बंधुओं का असर कम करने का भी प्रयास माना जा रहा है।

इसे  मिशन 2024 के नजरिये से भी देखा जा रहा है। योगी सरकार में मंत्री  भूपेंद्र चौधरी को भाजपा की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पार्टी महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी पत्र में कहा गया है, ‘भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी ने भूपेंद्र सिंह , सदस्य विधान परिषद को उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ती तत्काल प्रभाव से लागू होगी।’चौधरी की नियुक्ति को राजनीतिक रूप से प्रभावी जाट समुदाय को साधने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। केंद्र सरकार के विवादास्पद तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में एक साल तक चले आंदोलन में जाट समुदाय ने अग्रणी भूमिका निभायी थी। वह स्वतंत्र देव सिंह का स्थान लेंगे जो इस समय योगी सरकार में मंत्री हैं। मुख्यमंत्री योगी पूर्वी उत्तर प्रदेश से हैं। ऐसे में भाजपा चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नियुक्त कर क्षेत्रीय संतुलन भी साधना चाहती है। चौधरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाने वाले चौधरी के पास अच्छा संगठनात्मक अनुभव है। राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी के साथ भी काम करने का उन्हें अच्छा अनुभव है। क्योंकि वे 2011-18 से पश्चिमी यूपी के प्रभारी रहे हैं। वह एक ऐसे मंत्री हैं जो लगातार आगे बढ़ रहे हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों, सड़कों और स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेते रहे हैं।  1966 में किसानों के परिवार में जन्मे चौधरी 1991 में भाजपा में शामिल हुए। उन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। अपने एकमात्र चुनाव में उन्होंने 1999 में संभल से सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सामना किया और वो चुनाव हार गए तथा दूसरे स्थान पर रहे। चौधरी का चयन पार्टी और सरकार दोनों को स्वीकार्य माना जा रहा है।

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