सील: 24 घंटे बनाम 1920 घंटे, चार्ज लेने के महज चौबीस घंटे के अंदर नवागत कमिश्नर ने रविवार अवकाश का दिन होने के बावजूद अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ सख्ज कार्रवाई करते हुए कई अवैध निर्माण सील करा दिए। यह काम चार्ज के फौरी एक्शन के तौर पर अंजाम दिया गया, लेकिन बड़ा सवाल कैंट अफसरों खासतौर से कैंट बोर्ड के अध्यक्ष कमांडर सरीखे उच्च पदस्थ अधिकारी के आदेश पर उठ रहा है। मेरठ छावनी स्थित बाउंड्री रोड बंगला 22बी को सील किए जाने के आदेश कैंट बोर्ड की बैठक में कमांडर ने 13 जुलाई 2022 को हुई बोर्ड की बैठक में दिए थे। इसके इतर कमिश्नर ने शनिवार को चार्ज लिया। माना जा रहा है कि अभी चौबीस घंटे चार्ज को हुए भी नहीं थे कि उन्होंने अपने काम करने के तरीके व इरादों से अवैध निर्माण को सील कर बता दिया है। चार्ज लेने के बाद तेज तर्रार आईएएस अधिकारियों की श्रेणी में शामिल कमिश्नर की नजर से अवैध निर्माणों की फाइल छिपी नहीं रह सकीं। इसके विपरीत मेरठ के छावनी क्षेत्र में जहां भी नजर जाती है, वहां अवैध निर्माणों के अलावा कुछ नजर नहीं आता। हैरानी तो तब होती है जब 22बी को सील करने के अपने ही आदेशों का कमांडर 1920 घंटों के बाद भी सीईओ व एई पीयूष गौतम से पालन नहीं करा पाते हैं। अब पूछा जा रहा है कि क्या कमांडर सीधे कमिश्नर से संपर्क कर पुलिस फोर्स लेकर 22बी सील को करने की पहल करेंगे या फिर यह मान लिया जाए कि सब चलता है…. छावनी क्षेत्र में कराए गए अवैध निर्माण कैंट बोर्ड के उच्च पदस्थ अधिकारियों की कार्रवाई व कारगुजारियों पर भ्रष्टाचार की पोल खोलते नजर आ रहे हैं। ठीक उसी तर्ज पर 22बी का रिजॉट कैंट बोर्ड प्रशासन के लिए बैकफुट पर आने जैसा है। इतनी शिकायतों के बावजूद कमांडर ने आज तक इंजीनियरिंग सेक्शन के अभियंताओं पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की है, जिम्मेदारों कार्रवाई के नाम पर शून्य हैं।