छात्राओं को बताये उनके अधिकार, मेरठ। अपराध की शिकायत नहीं करना अपराध को बढ़ावा देना होता है। अगर किसी युवती को कोई लगातार 25 सेकेंड्स तक घूरता रहे तो ये भी अपराध की श्रेणी में आता है। महिलाओं के खिलाफ ऐसे अपराध को साबित करने की जिम्मेदारी महिला की नहीं होती बल्कि अपराधी को ही साबित करना होगा कि वो बेकसूर है। आईआईएमटी विश्वविद्यालय में आयोजित महिला सुरक्षा कार्यक्रम में नोडल अधिकारी सुभाष राजपूत ने छात्राओं को उनके अधिकारों की जानकारी देते कहा की अपराधों के खिलाफ महिलाओं को अनेक विशेष अधिकार दिए हैं, मगर महिलाओं को इन अधिकारों को पहचानने की जरूरत है। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए महिला सुरक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गंगानगर पुलिस थाने से आये महिला सुरक्षा कार्यक्रम के नोडल अधिकारी सुभाष राजपूत ने छात्राओं से सीधा संवाद करते हुए उन्हें किसी भी मुसीबत की हालत में हेल्प लाइन नंबर पर संपर्क करने की सलाह दी। छात्राओं को गोपनीयता का आश्वासन देते हुए उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता महिला का नाम कभी उजागर नहीं किया जाता है। उन्होंने सभी छात्राओं से अपने मोबाइल में महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 को सेव करने और किसी भी तरह की मदद की जरूरत होने पर यह नंबर डायल करने की सलाह दी। उन्होंने दोटूक कहा कि शिकायत करने के लिए अपराध होने का इंतजार करना जरूरी नहीं होता। अपराध होने की आशंका होने पर भी आप हेल्पलाईन नंबर पर कॉल कर सकते हैं। आपातकालीन स्थिति में 112 नंबर पर कॉल करने से आपके नजदीकी थाने की पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए पहुंच जाएगी। महिला सुरक्षा कार्यक्रम के विशेष व्याख्यान में आईआईएमटी की छात्राओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। महिला कांस्टेबल ने सभी छात्राओं को सुरक्षा संदेश के पर्चे भी बांटे। कार्यक्रम का संचालन छात्र कल्याण विभाग के डीन डॉ नीरज शर्मा ने किया।