काॅरीडोर में इलैक्ट्रिक शिफ्टिंग का काम पूरा, मेरठ टू दिल्ली रैपिड आरआरटीएस कारोडोर में आनंद विहार से मेरठ तक के बिजली यूटिलिटी शिफ्टिंग/ मॉडिफिकेशन का कार्य पूरा हो गया है। वायाडक्ट के रास्ते में आने वाली बिजली की सभी एक्सट्रा हाई टेंशन (EHT) लाइनों और ट्रांसफार्मर को शिफ्ट कर दिया गया है। आनंद विहार से मेरठ तक के कॉरिडोर पर 42 जगहों पर बिजली की हाई टेंशन लाईनों और ट्रांसफार्मर को शिफ्ट या मॉडिफाई किया गया है जो आरआरटीएस कॉरिडॉर के रास्ते में आ रहे थे। शिफ्टिंग एंड मॉडिफिकेशन प्रक्रिया के तहत पुराने सिंगल सर्किट लाइन के बदले डबल सर्किट लाइन डाली गई है। इससे इन बिजली की हाई टेंशन लाईनों व ट्रांसफार्मर का उन्नयन तो हो ही रहा है, इनकी क्षमता में भी वृद्धि हो रही है।
ज़रूरत के हिसाब से इन लाइनों को कहीं नए टावर लगाकर वायाडक्ट के लेवल से पर्याप्त ऊंचाई पर फिक्स किया गया है, तो कहीं इन्हें भूमिगत डाला गया है, ताकि वायाडक्ट पर ट्रेनों का संचालन सुचारु रूप से किया जा सके। इनमें सबसे ज्यादा बिजली की लाइनें गाजियाबाद से शताब्दी नगर, मेरठ क्षेत्र में हटाई गईं हैं। इनमें यूपीपीटीसीएल, पावर ग्रिड, एनटीपीसी और पीवीएनएल समेत अन्य बिजली कंपनियों की 66केवी, 132 केवी, 220 केवी और 400 केवी की लाइनें शामिल हैं। इस कार्य के तहत अभी तक मेरठ में शताब्दी नगर से मोदीपुरम के बीच के आरआरटीएस कॉरिडोर में लगभग 18 किमी के क्षेत्र में 33केवी, 11 केवी और 0.4 केवी की लगभग 120 किलोमीटर से ज्यादा लंबी, डबल सर्किट लाइन मुख्य सड़क के दोनों ओर जमीन के नीचे भूमिगत बिछाई गयी है। इससे बिजली चोरी और ब्रेकडाउन से होने वाले राजस्व क्षति में कमी आएगी। बिजली की 24×7 उपलब्धता से निवेश, व्यापार व उद्योग विस्तार करने का बेहतर माहौल बनेगा जिससे उपभोक्ता और उत्पादक दोनों को लाभ होगा। एनसीआरटीसी प्रारम्भ से ही कम से कम समय का शटडाउन लेकर बिजली की लाईनों को शिफ्ट या मॉडिफाई करने का कार्य करता आया है।