निर्वाण दिवस पर 64 दीपकों से आरती,
मेरठ में आज दिगंबर जैन पंचायती मंदिर आनंदपुरी में प्रातः काल जैन धर्म के 19वे तीर्थंकर श्री मल्लिनाथ नाथ भगवान का निर्वाण दिवस बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया । सर्वप्रथम इंद्रो द्वारा शांति नाथ भगवान को पांडुक शिला पर विराजमान कर अभिषेक किया गया, शांति धारा का सौभाग्य श्री अनिल जैन बिनोली वालो को प्राप्त हुआ । तत्पश्चात श्री देव शास्त्र गुरु, श्री महावीर भगवान तथा श्री मल्लिनाथ भगवान की पूजा की गई ।उसके पश्चात निर्वाण कांड पढ़कर भगवान के निर्वाण दिवस पर 21 किलो का सामूहिक लाडू भक्तों द्वारा चढ़ाया गया। श्री भगवान मल्लिनाथ उन्नीसवें तीर्थंकर हैं। जैन धर्म विश्व का प्राचीन धर्म है । जैन धर्म के उन्नीसवें तीर्थंकर भगवान श्री मल्लीनाथ जी का जन्म मिथिलापुरी के इक्ष्वाकुवंश में मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष को आश्विन नक्षत्र में हुआ था। इनमें से माता का नाम माता रक्षिता देवी और पिता का नाम राजा कुम्भराज था। इनमें से शरीर का वर्ण नीला था जबकि इनका चिन्ह कलश था। फाल्गुन शुक्ल पंचमी के दिन भगवान को 500 मुनियों के साथ श्री सम्मेद शिखरजी से मोक्ष प्राप्त हुआ। सभी धार्मिक क्रियाएं श्री अनिल जैन द्वारा संपन्न कराई गई। शाम को रत्नमयी मांडले पर रत्नमयी दीपों को अर्पित करते हुए 64 दीपको से आरती की गई। इन क्रियाओं में श्री अनिल जैन,श्री सत्येंद्र जैन, श्री राजीव जैन, श्री अतुल जैन तथा श्री निशांत जैन का विशेष सहयोग रहा।