आशीष को जाेर का झटका धीरे से जमानत रद्द, लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दे दिया। उनकी जमानत रद्द कर दी गयी है। मामले की पैरवी कर रहे तमाम संगठनों ने कोर्ट का आभार जताया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए उसे एक हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया है। SC ने यह भी कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष को नहीं सुना। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि FIR, पीड़ित परिवार के पक्ष और बाकी तमाम बिंदुओं पर विचार करते हुए आशीष मिश्रा की जमानत तत्काल रद्द की जाती है। कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष को नहीं सुना। आशीष मिश्रा को जमानत जल्दबाजी में दी गई।आशीष मिश्रा एक हफ्ते में करे सरेंडर। आशीष मिश्रा चाहें तो नए सिरे से इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत की याचिका दायर करें। राकेश टिकैत ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट तो अच्छा ही काम करता है। बशर्ते उसे काम करने दिया जाए। उन्होंने कहा, ‘हम धन्यवाद देते हैं सुप्रीम कोर्ट का जो उसने एक सही फैसला दिया। सरकार की तरफ से पैरवी होनी चाहिए। उसकी तरफ से ढिलाई रही। सरकार मंत्री के साथ खड़ी रही। सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया है।’आशीष 15 फरवरी को 129 दिनों बाद जेल से रिहा हुआ था।
लखीमपुर में क्या हुआ था ?
लखीमपुर जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गांव में 3 अक्टूबर 2021 की दोपहर करीब तीन बजे काफी संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे थे, तभी अचानक से तीन गाड़ियां (थार जीप, फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो) किसानों को रौंदते चली गईं। घटना से आक्रोशित किसानों ने जमकर हंगामा किया। इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हो गई। इसमें 4 किसान, एक स्थानीय पत्रकार, दो भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे। यह घटना तिकुनिया में आयोजित दंगल कार्यक्रम में UP के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई। घटना के बाद उप मुख्यमंत्री ने अपना दौरा रद्द कर दिया था।