सहयोगी असयोग पर मोदी से नाराज, चंड़ीगढ.: भाजपा नीत एनडीए गठबंधन को समर्थन देने वाली झारखंड स्टडेंट्स यूनियन केंद्र की मोदी सरकार से सख्त नाराज हैं. आजसू ने नए मंत्रिमंडल में जगह न मिलने पर नाराज़गी जताई है. आजसू के एकमात्र सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी, जिन्हें 2024 लोकसभा चुनाव में गिरिडीह से दोबारा जीत मिली है, उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह नहीं दी गई. चंद्र प्रकाश चौधरी ने मंत्रिमंडल में खुद को नज़रअंदाज किए जाने पर निराशा व्यक्त करते हुए संकेत दिया कि इसका असर इस साल के अंत में होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है. चंद्र प्रकाश चौधरी ने द टेलीग्राफ से बात करते हुए कहा, ‘मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है. मोदी कैबिनेट में चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों तक को शामिल किया गया है और एनडीए के सबसे पुराने सहयोगियों में से एक आजसू को एक भी जगह नहीं दी गई है. मुझे लगता है कि इसका असर झारखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान देखने को मिल सकता है.’ मालूम हो कि गिरिडीह से दूसरी बार सांसद चुने गए चंद्रप्रकाश चौधरी झारखंड में कुर्मी समुदाय के बीच एक लोकप्रिय नेता हैं. उनकी पत्नी सुनीता चौधरी रामगढ़ से विधायक हैं. उन्हें कांग्रेस विधायक ममता देवी के अयोग्य घोषित किए जाने के बाद 2023 में चुना गया था. ममता देवी को पुलिस फायरिंग मामले में हज़ारीबाग जिला अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया था और पांच साल की सजा सुनाई गई थी. चंद्र प्रकाश चौधरी ने राज्य में एनडीए की स्थिति की ओर इशारा करते हुए कहा कि झारखंड में लोकसभा नतीजों के करीबी विश्लेषण से पता चलता है कि आदिवासियों और अल्पसंख्यकों ने एनडीए को छोड़ दिया है और अगर कुर्मी, जो एनडीए के पारंपरिक मतदाता रहे हैं, वो भी ऐसा करते हैं तो परिणाम को समझा जा सकता है. ध्यान रहे कि झारखंड में भाजपा इस बार सभी पांच अनुसुचित जाति की आरक्षित सीटें -दुमका, राजमहल, सिंहभूम, लोहरदगा और खूंटी हार गई है. कुर्मी मतदाता रांची, पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र), धनबाद, गिरिडीह, हज़ारीबाग और बोकारो जिलों के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव के नतीजों को प्रभावित करते हैं.