अमित मालवीय ने कहा कि बाबा साहब ने अपने जीवन में कई ऐसी बातें कहीं जो आज सही साबित हो रही हैं। उन्होंने कहा था कि इस्लाम में भाईचारे का कोई उल्लेख नहीं है, और केवल इस्लाम तक ही सीमित है। बाबा साहब ने कहा था कि भीम और मीम का समन्वय नहीं है।
मेरठ। भाजपा आईटी सैल के प्रमुख अमित मालवीय ने डा. अंबेडकर की जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में उनसे जुड़ी कई बातों से पर्दा उठाया। भाजपा अनुसूचित मोर्चा की ओर से बाईपास स्थित एक सभागार में आयोजित आंबेडकर सम्मान समारोह व विचार गोष्ठी में सांसद सांसद अरुण गोविल व भाजपा आईटी सैल के प्रमुख अमित मालवीय पहुंचे। अध्यक्षता चरणसिंह लिसाड़ी ने की। इस मौके पर महनगर भाजपाध्यक्ष विवेक रस्तौगी भी मौजूद रहे। भाजपा आईटी प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि जो सम्मान बाबा साहब को मिलना चाहिए था, उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत सारे कदम उठाए हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या बाबा साहब का स्थान भारत की आजादी में नेहरू-गांधी से कम था अगर नहीं, तो कांग्रेस की सरकार ने आज तक बाबा साहब को उनका सही स्थान क्यों नहीं दिया। बाबा साहब ने अपने जीवन में कई ऐसी बातें कहीं जो आज सही साबित हो रही हैं। उन्होंने कहा था कि इस्लाम में भाईचारे का कोई उल्लेख नहीं है, और केवल इस्लाम तक ही सीमित है। बाबा साहब ने कहा था कि भीम और मीम का समन्वय नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस का बाबा साहब को अपमानित करने का सिलसिला 1930 से शुरू हुआ। 1936 में कांग्रेस पार्टी ने प्रेजीडेंसी चुनाव में हारने के लिए उनके सामने अपना प्रतिद्वंद्वी खड़ा किया। आजादी के बाद जब संविधान सभा का गठन हुआ, तो बाबा साहब को इसमें नहीं लिया गया। कांग्रेस और नेहरू उस वक्त भी बाबा साहब को असेंबली से बाहर करना चाहते थे।
1952 में हुए चुनाव में कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी के बड़े नेताओं ने बाबा साहब के सामने चुनाव लड़ा और जब वे उन्हें हरा नहीं पाए, तो 75 हजार वोट को अवैध साबित करके धांधली की और उन्हें हरा दिया गया। इससे समझ आता है कि कांग्रेस पार्टी कभी भी बाबा साहब को सक्रिय राजनीति में नहीं आने देना चाहती थी।
बाबा साहब उस समय के हिंदुस्तान के पहले इकोनॉमिक्स के पीएचडी होल्डर थे, इसके बावजूद उन्हें वित्त मंत्रालय से बाहर रखा गया। बाबा साहब ने इस्तीफा दिया और इसका कारण बताया कि नेहरू दलित समाज को नजर अंदाज करते थे और मुस्लिम की प्राथमिकता देते थे। बाबा साहब कश्मीर को लेकर नेहरू जी की अलगाववादी सोच के चलते वहां से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहब चाहते थे कि पिछड़े आयोग का गठन हो, लेकिन कांग्रेस ने कभी भी पिछड़े वर्ग का गठन नहीं किया। 1990 तक बाबा साहब को भारत रत्न नहीं दिया गया। यह तब हुआ जब गैर-कांग्रेसी सरकार बनी और भारतीय जनता पार्टी ने इसका समर्थन किया।
दूसरे सत्र के मुख्य वक्ता प्रदेश उपाध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य मोहित बेनीवाल रहे उन्होंने कहा कि डॉ. बाबा साहब अंबेडकर को बचपन से ही बहुत कुछ देखा। बाबा साहब ने नेहरू से कहा था कि हिंदू कोड बिल लागू करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस ने उनकी बात नहीं सुनी। उस बिल में महिलाओं के लिए समान अधिकार थे, सबके लिए समान अधिकार थे। इंदिरा गांधी ने न जाने कितनी बार संविधान में संशोधन करके बाबा साहब को अपमानित करने का काम किया। उन्होंने पहला संशोधन अपनी सरकार बनाने के लिए किया, दूसरा संशोधन ऐसा किया जिससे उनकी सरकार न गिराई जा सके। क्या ये संशोधन संवैधानिक थे। सांसद अरुण गोविल ने कहा कि डॉ. आंबेडकर द्वारा सामाजिक न्याय, समानता, और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अभूतपूर्व कार्यों वक़्तायो ने विस्तारपूर्वक उल्लेख किया। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे बाबा साहेब के आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करें और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प लें।
मौके पर सांसद अरुण गोविल महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी महापौर हरिकांत अहलूवालिया विधान परिषद सदस्य धर्मेंद्र भारद्वाज पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष बिजेंद्र अग्रवाल क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मनोज पोसवाल क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी गजेंद्र शर्मा पूर्व महानगर अध्यक्ष चरण सिंह लिसाड़ी निवर्तमान महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश सयोजक विनीत अग्रवाल शारदा कमल दत्त शर्मा व्यवस्था में लगे डॉ रवि प्रकाश अनुसूचित मोर्चा अध्यक्ष विनय विरलिया डॉ अजय दीवान महामंत्री पियूष शास्त्री महेश बाली अरविंद गुप्ता मारवाड़ी रविश अग्रवाल आलोक रस्तोगी विशाल कनोजिया मीडिया प्रभारी अमित शर्मा उपस्थित रहे।
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