हाउस टैक्स को लेकर सांसद से मिले अनुज वशिष्ट

हाउस टैक्स को लेकर सांसद से मिले अनुज वशिष्ट
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हाउस टैक्स को लेकर सांसद से मिले अनुज वशिष्ट,

सांसद के सामने उठाया जीआइएस सर्वे और नामांतरण का मुद्दा
चार साल पहले बढ़ा नामांतरण शुल्क भी जनता पर बोझ, इसे भी निरस्त कराएं
मेरठ के  सर्किट हाउस में हुई बैठक में सांसद अरुण गोविल के सामने भाजपा के पार्षद अनज वशिष्ठ के नेतृत्व में संगठन के कई पार्षद सांसद अरुण वशिष्ठ से मिले और जीआइएस सर्वे और नामांतरण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि  जीआइएस सर्वे में बढ़े गृहकर का जनता पर बोझ डालना उचित नहीं है। चार साल पहले नामांतरण शुल्क में बेतहाशा वृद्धि कर जनता पर बोझ डाला गया था। पार्षदों ने दोनों ही आदेश निरस्त करवाने की मांग की। सांसद समेत महापौर को इन मांगों का ज्ञापन भी सौंपा। भाजपा पार्षदों ने कहा कि वह जीआइएस सर्वे के विरोध में नहीं हैं। उनकी मांग है कि लागू करने से पहले जीआइएस सर्वे का सत्यापन होना चाहिए। इसके बाद पूरी रिपोर्ट नगर निगम सदन में बोर्ड के सदस्यों के समक्ष रखी जाए। जब सदन इसे सहमति के आधार पर पास करे, तब इसे लागू किया जाए।अनुज वशिष्ठ ने कहा कि   एक एजेंसी ने जीआइएस सर्वे कर रिपोर्ट नगर निगम को सौंप दी। निगम को इसका सत्यापन कराना चाहिए था। क्योंकि सर्वे को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। जीआइएस सर्वे से भवन स्वामियों का गृहकर दो गुणा से तीन गुणा तक हो गया है। पार्षदों ने चार साल पहले बढ़ाए गए नामांतरण शुल्क को भी निरस्त करवाने की मांग रखी। कहा कि 500 रुपये नामांतरण शुल्क बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया था। इसका नगर निगम बोर्ड ने विरोध किया था और सदन में इसे निरस्त कर दिया था। तत्कालीन नगर आयुक्त ने सदन के निर्णय का पालन नहीं किया था। इस बोझ से शहर की जनता पहले से ही परेशान है। इस दौरान महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा कि सदन में जीआइएस सर्वे को रखने के बाद ही लागू करने पर निर्णय लिया जाएगा। वहीं, गंदगी, जलभराव और आवारा कुत्तों व बंदरों की बढ़ती समस्या को भी सांसद के समक्ष रखा गया। सांसद ने नगर निगम अधिकारियों से इन मांगों पर बात करने की बात कही। ज्ञापन देने वालों में पार्षद अनुज वशिष्ठ, सुमित मिश्रा, अनिल वर्मा, कुलदीप वाल्मीकि, पूनम गौतम, दिग्विजय आदि पार्षद मौजूद रहे।

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