फैजाम दिल्ली रोड पर पूर्व में सेना की कार्रवाई में कराया गया था मुक्त, सेना के प्लाट फिर मछेरान के कबाड़ियों का कब्जा
मेरठ/फैजाम कालेज दिल्ली रोड के सामने सेना के प्लाट पर मछेरान के कबाड़ियों ने फिर कब्जा कर लिया है। इसके अलावा इसी प्लाट पर महताब के ट्रांसपोर्टर भी तमाम ट्रक सेना की इसी प्लाट पर खडेÞ कर रहे हैं और रही सही कसर प्लाट पर आसपास के इस पूरे इलाके का कचरा डालकर पूरी कर दी गयी है।
पूर्व में कराया था कब्जा मुक्त
फैजाम कालेज के सामने दिल्ली रोड पर जिस प्लाट पर अब कब्जे सरीखी स्थिति है करीब एक दशक से ज्यादा पहले उस प्लाट को सेना व पुलिस प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में मुक्त कराया गया था। उसके चारों ओर लोहे के कटीले तार बांध दिए गए थे। काफी समय तक प्लाट की निगरानी भी की जाती रही, लेकिन बाद में जब संबंधित अफसर भी लापरवाह हो गए तो प्लाट धीरे-धीरे कब्जे सरीखे हालात बनने लगे। पहले की तरह प्लाट पर फिर से कबाड़ियों के ठेले, महताब ट्रांसपोर्टरों के छोटे बडेÞ ट्रक, मछेरों का सामान आदि वहां दोबारा से रखा जाने लगा। महताब से सीएबी की ओर जाने वाले रास्ते पर जहां हाथी खाना है, वहां रोड के दोनों ओर जितने भी कबाड़ी दिन में फड लगाते हैं उनमें से ज्यादातर का सामान शाम ढलने के बाद इसी प्लाट में रखा जाता है।
जहां यह प्लाट है उसके ठीक सामने फैजाम कालेज है, फैजाम कालेज परिसर में ही मस्जिद है, मस्जिद से सटा हुआ महानगर की दक्षिण विधानसभा से विधायक गुलाम मोहम्मद का कैंप कार्यालय और उसे कुछ दूरी पर कालेश्वर नाथ महादेव मंदिर है। आसपास के लोगों ने बताया कि प्लाट में बने खत्ते में डाला जा रहा कूडा कचरा कई-कई दिन तक नहीं उठता है। जिस भी दिशा की हवा चलती है, उसी दिशा में डंपिग ग्राउंड से उठने वाली सड़ांध पहुंचती है। जब तक यहां कैंट बोर्ड का टोल ठेका चल रहा था तब तक तो साफ सफाई रहती थी, लेकिन टोल का ठेका खत्म होने के बाद यहां खत्ता व गंदगी दोबारा की जाने लगी। सबसे बुरा हाल आसपास खासतौर से जलीकोठी के चौराहे पर जिस बिल्डिंग में परिवार रहते हैं उनकी है।
क्या कहते हैं लोग
इस बिल्डिंग में रहने वाले खलील बताते हैं कि यहां की गंदगी से घरों में बच्चे बीमार रहते हैं। इसी बिल्डिंग के शाहवेज शेख का कहना है कि जब रिश्तेदार आते हैं तो शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। एक अन्य शख्स सुहेल खान भी चाहते हैं कि सेना के प्लाट पर कचरा कहीं दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना चाहिए।