FIR के बाद किसी भी वक्त अरेस्टिंग

kabir Sharma
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मेरठ। श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर में करोड़ों के घपले घोटाले में मंदिर की तथाकथित प्रबंध समिति के रंजीत जैन, मृदुल जैन, सुनील जैन, अनिल उर्फ चांदी बंटी जैन व एक अन्य सदस्य तथा करीब पंद्रह अज्ञात के IPC की बेहद संगीन धाराओं में लिखा पढ़ी मसलन FIR दर्ज होने के बाद पुलिस के स्तर से इस मामले में किसी भी वक्त अरेस्टिंग तय समझी जा रही है।

जानकारों की मानें तो आमतौर पर ऐसे मामलों में पूछताछ के नाम पर बुलाकर पुलिस वहीं हथकड़ी पहनाकर हवालात में डाल कर गिरफ्तारी दिखाकर जेल भेज देती है। मंदिर में गवन व घोटालों का यह मामला इसलिए भी अब संगीन हो बताया जा रहा है क्योंकि मंदिर के सदस्य व ऋषभ एकाडेमी के निर्वाचित सचिव सीए डा. संजय जैन की तहरीर पर भले ही यह FIR दर्ज की गई हो, लेकिन पुलिस की इस लिखा पढ़ी का सबसे खतरनाक व मजबूत पुर्जा डिप्टी रजिस्ट्रार की वह रिपोर्ट बतायी जा रही है जिसमें डिप्टी ने जो सीओ सदर को भेज कर मंदिर समिति के तथाकथित पदाधिकारियों को पूरी तरह से अवैध काविज मानते हुए कार्रवाई का आग्रह किया। दरअसल इस मामले में सबसे ज्यादा खतरनाक कड़ी डिप्टी रजिस्ट्रार की वह रिपोर्ट ही बतायी जा रही है। इस रिपोर्ट में डिप्टी रजिस्ट्रार ने कहा है कि मंदिर पर काविज रहने के लिए तमाम फर्जी चुनाव कराए गए कुटरचित कागज पेश किए गए। जिनके खिलाफ यह FIR दर्ज हुई है वो यदि जमानत के लिए हाथ पांव मारेंगे तो डिप्टी रजिस्ट्रार की रिपोर्ट के चलते जमानत के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इसलिए इस मामले में अभी तो सभी नामजदों पर पूछताछ के दौरान ही गिरफ्तारी की आशंका जतायी जा रही है।

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