बलजोर: तुझको एक दिन जाना है, राम नाम जपले रे तुझको एक दिन जाना है, धर्मराज से किये कर्मों का फल तुझे पाना है। कहने वाले बलजोर दुनिया से विदा हो गए। उनके निधन पर अनेक लोगों ने दुख व्यक्त किया है। कांग्रेस के पीसीसी सदस्य चौ. यशपाल सिंह, डा. सतीश शर्मा, आईडी गौतम, एडवोकेट ओम प्रकाश शर्मा सरीखों कहना है कि समाजिक बुराइयों के खिलाफ बुलंद आवाज हमेशा के लिए शांत हो गई। मेरठ के वरिष्ठ कवि बलजोर सिंह चिंतक का निधन हो गया। 17 अगस्त को देर रात उन्होंने मेरठ के आनंद अस्पताल में आखिरी सांस ली। परिवार ने बताया कि चिंतक जी लंबे समय से बीमार थे। दो दिन पहले तबियत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां बृहस्पतिवार तड़के उन्होंने इस संसार से विदा ली। उनके निधन से मेरठ के साहित्यकारों और कवियों में शोक है। बागपत, छपरौली में 10 अक्तूबर 1954 को बलजोर सिंह का जन्म हुआ। पिता हरिसिंह, माता सुखदई थी। चिंतक जी ने दोहे, मुक्तक, छंद, गजल, कविताएं लिखी और साहित्य की दुनिया में नाम रोशन किया। मेरठ को उन्होंने अपना कार्यक्षेत्र बनाया। वर्तमान में परिवार सहित मेरठ के कंकरखेड़ा शिवलोक पुरी में रह रहे थे। उन्होंने अपने काव्य के जरिए सदैव समाज में फैली बुराइयों पर अपने काव्य के जरिए कटाक्ष किया। 6 काव्य संकलन भी प्रकाशित हुए हैं। अपने काव्य संकलनों को भ्रष्टाचार, गरीबी, महंगाई से लेकर लालफीताशाही पर केंद्रित किया।