मेरठ में इंडियन ओवरसीज के लोन घोटाले में चेन्नई की जांच फंसे बैंक मैनेजर ने कराया अफसरों पर हमला, ये अफसर जांच के लिए मेरठ आए थे और उन्होंने बैंक मैनेजर को दोषी करार देते हुए उसके खिलाफ एफआईआर की तैयारी कर ली थी। कैश के अलावा शूटरों को 65 हजार रुपए की पिस्टल भी खरीदकर दी थी, ब्रांच मैनेजर के खिलाफ ऋण जारी करने में घोटाले की जांच को पहुंचे थे दो अफसर
मेरठ/ घोटाले में फंसे बैंक मैनेजर ने भाडे के शूटरों से अफसरों पर हमला कराया था। ये अफसर मुख्यालय से जांच के लिए मेरठ पहुंचे थे। पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर बैंक मैनेजर व भाडे के दोनों शूटरों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस लाइन में बुलायी गयी प्रेस वार्ता में एसएसपी आयुष विक्रम सिंह तथा एएसपी अंतरिक्ष जैन ने मीडिया के सामने मामले का खुलास करते हुए जानकारी दी कि इंडियन ओवरसीज बैंक सहारनपुर में स्थित मंगल पांडे नगर ब्रांच और घंटाघर ब्रांच के द्वारा जो बैंक लोन निर्गत किए गए थे उनमें अनियमितताएं पाए जाने के कारण जितेंद्र कुमार और अरविंद चौधरी को चेन्नई स्थित बैंक के मुख्यालय से जांच भेजा गया था। इस जांच के बैंक अफसर जितेंद्र ने जांच कर रिपोर्ट इंडियन ओवरसीज बैंक के रीजनल आॅफिस मेरठ और चेन्नई में मुख्यालय को दे दी।
मैनेजर पर जांच प्रभावित करने का आरोप

आरोप है कि लोन घोटाले में फंसे ब्रांच मैनेजर ने तमाम तरीकों से जांच प्रभावित करने का प्रयास किया, परंतु बात न बन पाने के कारण रिपोर्ट फाइनल हो गई और बैंक की ओर से एफआईआर के निर्देशित दिए गए। इससे पहले ही पहले मनोज ने लोन लेने वाले बाबर पुत्र इमरान जिसका लोन डिफॉल्टर हो चुका था, से संपर्क किया कहा कि मैं तुम्हारा बैंक लोन सेटल कर दूंगा इसके बदले में तुम्हे मेरा एक काम करना पड़ेगा। तुम्हें जितेंद्र जो मेरे घोटाले की जांच कर रहा है उसको सबक सिखाना होगा इस काम के लिए बाबर तैयार हो गया तब मनोज के द्वारा बाबर को 65,000/- रुपए हथियार खरीदने के लिए दिए।
दो शूटर तैयार किए

बाबर ने इस काम के लिए अपने मिलने वाले दो शूटर निखिल शर्मा और कार्तिक शर्मा उर्फ गोलू को तैयार कर लिया और उन्हें हथियार व कुछ पैसे भी दिए। 24 फरवरी को जब जितेंद्र सीसीएसयू परिसर स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में गया था तब बाबर ने जितेंद्र की गाड़ी का नंबर बताते हुए कार्तिक व निखिल को भेजा। कार्तिक और निखिल ने कार का पीछा किया और बिजली बंबा रोड पर रेलवे क्रॉसिंग पार करने के बाद जितेंद्र की कार पर फायरिंग करके वहां से भाग कर सहारनपुर चले गए। घटना को लेकर जितेन्द्र ने थाना परतापुर पर मु0अ0सं0 97/2025 धारा 109/61(2) बी.एन.एस. व धारा 3/25/27 आयुध अधिनियम दर्ज कराया।
दोबारा हमले की योजना

अगले दिन जब मनोज और बाबर को पता चला की गोली जितेंद्र को नहीं लगी है तब उन्होंने दोबारा हमला करने की योजना बनाई इस योजना में 1 मार्च को जब वादी जितेंद्र घंटाघर स्थित इंडियन ओवरसीज की ब्रांच सहारनपुर में पहुंचा तब मनोज ने बाबर को और बाबर ने दोनों शूटर को बताया की जितेंद्र सहारनपुर आया हुआ है, इस पर कार्तिक और गोलू वापसी के समय जितेंद्र पर पिस्टल से जान से मारने की नियत से फायरिंग कीगोली गाड़ी का शीशा तोड़ते हुए ड्राइवर साइड के दरवाजे में जाकर लग गई और जितेंद्र बाल बाल गए। इस सम्बन्ध में थाना रामपुर मनिहारन पर मुकदमा दर्ज कराया गया।
इस मामले में परतापुर पुलिस व स्वाट टीम ने कार्रवाई करते हुए गोली चलाने वाले शूटर व घटना षड्यन्त्र रचने वाले निखिल शर्मा, कार्तिक शर्मा उर्फ गोलू व बाबर को गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिटी ने बताया कि कथित घोटाले में फंसा ब्रांच मैनेजर मनोज फरार है। उसकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। अभियुक्तों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।
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