बापू पर मनोज सिन्हा को आइना, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की काबलियत पर कोई सवाल खड़ा कर इतनी काबलियत भारत में खासतौर से भाजपाइयों में तो कतई नहीं है. मुल्क के लिए आजादी की जंग के दौरान अंग्रेजों की जूतियां सीधी करने वालों से वैसे इससे ज्यादा उम्मीद भी कुछ नहीं की जा सकती. जंग के दौरान जिस वक्त नेता जी सुभाष चंद बोस आजाद हिंद फौज के लिए भर्ती कर रहे थे, उसी दौरान अंग्रेजों के वो पिट्ठू भारतीयों को आजाद हिंद फौज के बजाए गौरों की पलटन में भर्ती होने के लिए प्रेरित करते घूमा करते थे. इंग्लैंड की महारानी के भारत आने पर जिस विचारधारा के लोग गणवेश में गार्ड आफ आनर दिया करते थे, उस विचारधारा के लोग यदि आजाद मुल्क में बापू की काबलियत पर उंगली उठएं तो हैरानी होने की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन ऐसे लोगों को जवाब देने का काम महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने किया है. उन्होंने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल एलजी मनोज सिन्हा के इस दावे को खारिज कर दिया कि राष्ट्रपिता के पास एक भी विश्वविद्यालय की डिग्री नहीं थी. एक न्यूज एजेंसी के अनुसार तुषार गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘महात्मा गांधी के पास मैट्रिक की दो डिग्रियां हैं. पहली अल्फ्रेड हाई स्कूल राजकोट से है और ऐसी दूसरी डिग्री लंदन की है. उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय से संबद्ध एक लॉ कॉलेज, इनर टेंपल से कानून की डिग्री का अध्ययन और परीक्षा उत्तीर्ण की और साथ ही लैटिन और फ्रेंच में एक-एक डिप्लोमा प्राप्त किए . जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल को शिक्षित करने के लिए यह जानकारी दी जा रही है.’ तुषार गांधी ने सिन्हा के बयान पर कहा, ‘जाहिलों को राज्यपाल बना देंगे तो यही नतीजा होगा. उनके पास लॉ की डिग्री थी, लेकिन इसकी एन्टॉयर लॉ डिग्री जरूर नहीं थी. जैसी मोदी जी के पास पॉलिटिकल साइंस की एन्टॉयर लॉ डिग्री है.’ उन्होंने इस अख़बार से आगे कहा कि बापू ने अपनी शिक्षा से लेकर जीवन से जुड़ी हर बात अपनी आत्मकथा में लिखी है. इसकी एक प्रति मैं मनोज सिन्हा को भेज दूंगा, ताकि वे अपनी समझ बढ़ा सकें. उल्लेखनीय है कि मनोज सिन्हा ने बीते 24 मार्च को आईटीएम ग्वालियर में डॉ. राम मनोहर लोहिया स्मृति व्याख्यान में एक कार्यक्रम के दौरान गांधीजी की शैक्षिक योग्यता के बारे में बात की थी. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने कहा था, ‘यह भ्रांति है कि गांधी जी के पास कानून की डिग्री थी. क्या आप जानते हैं कि उनके पास एक भी विश्वविद्यालय की डिग्री नहीं थी? उनकी एकमात्र योग्यता हाई स्कूल डिप्लोमा थी. उन्होंने कानून का अभ्यास करने की योग्यता प्राप्त की, लेकिन उनके पास कानून की डिग्री नहीं थी. उनके पास कोई डिग्री नहीं थी, लेकिन वह कितने पढ़े-लिखे थे.’ सिन्हा की टिप्पणी की निंदा करते हुए तुषार गांधी ने ट्वीट किया, ‘मैंने बापू की आत्मकथा की एक प्रति राजभवन जम्मू को इस उम्मीद के साथ भेजी है कि अगर उपराज्यपाल पढ़ सकते हैं तो वह खुद को शिक्षित करेंगे.’ भारत राष्ट्र समिति के सोशल मीडिया प्रमुख वाई. सतीश रेड्डी ने ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल कहते हैं कि महात्मा गांधी के पास कोई डिग्री नहीं. क्या कोई उनकी अज्ञानता को दूर कर सकता है कि गांधीजी एक बैरिस्टर थे और यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन से कानून का अध्ययन किया था!’आप विधायक नरेश बालयान व कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने भी एलजी के बयान की निंदा की है।