बरिश ने उतारा अफसरों के दावों का पानी

kabir Sharma
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बरिश ने उतारा अफसरों के दावों का पानी

मेरठ। बीती रात की झमाझम बारिश ने सिस्टम को चलाने वाले उस सिस्टम को जिसका आम आदमी से सीधा सरकार है , के अफसरों के दावों का पानी उतार कर रख दिया है। नगर निगम, मेरठ विकास प्राधिकरण, NHAI, PWD और भी जितने महकमे जिनका पब्लिक से सीधा सरोकार है उन महकमों के अफसरों के दावों की कलई खोलकर रख दी है। नगर निगम के सफाई दावों की बात करें तो बारिश ने शहर की पुरानी आबादी वाले इलाके को कीचड़ में तब्दील कर दिया है। नाल नालियों का सड़कों पर बह रहा पानी बता रहा था कि सफाई केवल कागजों में हो रही है। हालत ऐसी हो गयी कि पैदल भी नहीं निकल सकते थे। गनीमत थी कि एक दिन पहले ही 31 मई तक के लिए प्रशासन ने छोटे बच्चों के स्कूल बंद करा दिए थे। प्राधिकरण की तमाम कालोनियां पूरी तरह से बदहाल हो गयीं। तेज हवाओं ने बिजली के पोल पेड और हार्डिंग्स उखाड़ कर सड़क पर ला दिए। होना तो यह चाहिए था कि बारिश के बाद प्राधिकरण का दस्ता बगैर बुलाए पहुंच जाता, लेकिन खबर दिए जाने के बाद भी शताब्दीनगर, पल्लवपुरम सरीखी कालोनियों की सुध लेने प्राधिकरण से कोई नहीं पहुंचा। एक ही बारिश में जिस तरह से शहर के कई इलाकों की सड़कें उधड‍़ गई उससे साबित हो गया कि घटिया क्वालिटी का माल लगाकर सड़के बनायी जा रही हैं। बारिश के पानी से शहर के तमाम इलाकों की सड़कों को रूई की तरह धुन दिया। सबसे बुरा हाल एनएच-58 यानि हाइवे का हुआ। नियमानुसार हाईवे पर होर्डिंग्स नहीं लगाए जाने चाहिए, लेकिन एनएचएआई के भ्रष्ट अफसरों ने हाइवे के दोनों ओर होर्डिग्स की भरमार करा दी है। ये तमाम होर्डिग्स बीती रात आयी आंधी से सड़कों पर आ गिरे। कई जगह पेड़ उखड़ गए। हाइवे पर जगह-जगह ऐसी ही दशा थी, लेकिन एनएचएआई के स्टाफ का कोई अतापता नहीं था। बारिश ने साबित कर दिया कि मेरठ अफसरों के दावों में दम नहीं भले ही ये कहते रहें कि हम किसी कम नहीं कम नहीं।

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मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश की चेतावनी दी थी लेकिन तमाम महकमों के अफसर बजाए तैयारी करने के हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। नतीजा यह हुआ कि बारिश व आंधी तूफान की दौरान हुए हादसों में दो की मौत हो गयी। इन मौतों के लिए निश्चित रूप से उन महकमों के अफसर जिम्मेदार हैं जो पूर्व सूचना के बाद भी तैयारी में नहीं जुटे। ऐसे अफसरों पर गैर इरादतन हत्या के मामले दर्ज किए जाने चाहिए। जब तक जिम्मेदारी तय नहीं की जाएगी तब तक ऐसे ही लोगों की मौत का सिलसिला जारी रहेगा।

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