सावधान रहे कंगाल कर देंगे साइबर क्रिमिनल, मेरठ
साइबर क्रिमिनल के हाथों 1.74 करोड़ की ठगी का शिकार हुए सिविल लाइन के पांडव नगर निवासी रिटायर्ड बैंक कर्मी सूरज प्रकाश का बेटा आईजी इंजीनियर है। वह बैंगलोर में जॉब करता है। सभी को साइबर क्राइम से बचने के तरीके बताता है, लेकिन शायद अपने पिता को नहीं समझा पाया कि साइबर क्रिमिनल कितने शातिर होते हैं और उनसे कैसे सावधान रहा जा सकता है। सूरज प्रकाश से 7.74 करोड़ की ठगी करने वाले साइबर क्रिमिनल ने तेलंगाना, महाराष्ट, उड़ीसा व पश्चिमी बंगाल में बैठकर कारगुजारी अंजाम दी। इंस्पेक्टर थाना साइबर क्राइम सुबोध सक्सेना ने बताया कि मेरठ से चार पुलिस टीमें अलग-अलग राज्यों के लिए रवाना कर दी गयी हैं। जो टीमें रवाना की गयी हैं उनकी लोकेशन अभी रास्ते में ही मिल रही है। अभी उन राज्यों तक नहीं पहुंची है जहां साइबर क्रिमिनल की लोकेशन ट्रेस की गयी है। वहीं दूसरी ओर इस बात की भी कोई गारंटी नहीं कि सूरज प्रकाश को 1.74 करोड़ का चूना लगाने वालों ने अभी ठिकाना नहीं बदला होगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस पूरे मामले को लेकर अमेरिका की एक ऐजेंसी को भी मेल डाली गयी है। वहां से रिप्लाई आने में करीब बीस दिन से एक माह का वक्त लग जाता है।
सीबीआई व ईडी का खौफ पुलिस का नहीं
साइबर क्रिमिनलों द्वारा डिजिटल अरेस्ट कर किसी भी शख्स का दिमाग हर लेने की घटनाएं तेजी से बढ़ने की बात को पुलिस के अधिकारी भी स्वीकार करते हैं। उनका कहना है कि इस सब के पीछे एक बड़ा कारण यह कि अब आमजन पुलिस के नाम से इतना खौफ नहीं खाता जितना की सीबीआई या फिर ईडी के नाम से उसको परेशानी होती है। सूरज प्रकाश के मामले में भी ऐसा ही हुआ। सबसे चौंकाने वाली बात यह कि सूरज प्रकाश को डिजिटली कैप्चर कर साइबर क्रिमिनल ने उसने लगातार तीन दिन तक ट्रांजेक्शन कराया। यह ट्रांजेक्शन चार स्टेट के एकाउंट में किया गया। इंस्पेक्टर साइबर क्राइम सुबोध सक्सेना ने बताया कि साइबर क्रिमिनल का शिकार होने की बात सूरज प्रकाश को तब पता चली जब उनका सब कुछ बर्बाद हो चुका था। उनके एकाउंट खाली हो चुगे थे। दरअसल हुआ यह कि साइबर क्रिमिनल इतनी बड़ी रकम ट्रांसफर कराने के बाद भी लगातार और रकम के लिए कॉल करते रहे। डराते रहे। अंतोगत्वा जो खुद को सीबीआई का अफसर बताकर डरा रहे थे उनसे सूरज प्रकाश को कहना पड़ा कि उनके पास जो कुछ था दे चुके हैं अब जो करना चाहते हैं कर लें। उसके बाद कॉल आनी बंद हो गयीं। तब कहीं जाकर सूरज प्रकाश डिजिटली एरेस्टिंग से खुद को बाहर कर सके। मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ के सिविल लाइन के पांडव नगर इलाके का है जहां साइबर ठगों ने एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी सूर्य प्रकाश को डिजिटल अरेस्ट कर लिया। क्योंकि उनके खून पसीने की बड़ी कमाई के 1.74 करोड़ साफ कर चुके थे। इस घटना ने मेरठ पुलिस भी हैरान है। हालांकि मेरठ की साइबर पुलिस टीम सक्रिय हो गयी है।