बेगमपुल के व्यापारी सौंप देंगे चाबियां,
मेरठ/ई-रिक्शाओं पर अगले सप्ताह हाईकोर्ट में होने जा रही सुनवाई से पहले अफसर खासतौर से ट्रैफिक पुलिस का अमला कार्रवाई की कवायद में जुट गया है। इसके इतर यदि हालात की बात करें तो इसमें कोई दो राय नहीं कि कोशिशें हो रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि दवा किए जाने के बाद भी मर्ज बढ़ता ही जा रहा है। टैÑफिक पुलिस ने शुक्रवार को नए प्रयोग के रूम में ई रिक्शाओं के इंद्रा चौक से हापुड़ रोड जाने के लिए नया रूट तय कर दिया है। हापुड़ रोड जाने वाले ई रिक्शा अब वाया गोला कुंआ इस्लामाबाद होकर गुजरेंगे। इस नए प्रयोग के साइड इफैक्ट को लेकर तो अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन हां हापुड़ रोड और बेगमपुल पर ई रिक्शाओं पर रोक के नाम पर जो प्रयोग किया गया है उसका दर्द यदि जानना है तो बेगमपल के सेटे पीएल शर्मा रोड, सोतीगंज, शिवाजी रोड, बेगमबाग आदि इलाकों में रहने वालों से पूछो। कमोवेश यही स्थिति कुछ हापुड़ स्टैंट चौराहे से सटे भगतसिंह मार्केट व आर्य नगर तथा भगत सिंह मार्के सरीखे इलाकों का है। बेगमपुल के व्यापारियों ने तो चाबियां सौंप देने की चेतावनी दी है।
चुका रहे हैं कीमत
हापुड़ स्टैंड चौराहा और बेगमपुल चौराहे को ई रिक्शा मुक्त किए जाने की टैÑफिक पुलिस की कवायद की कीमत आसपास के इलाकों के व्यापारी और वाशिंदों को चुकानी पड़ रही है। इन दोनों चौराहों से सटे इलाकों के लोगों का कहना है कि जब से नया सिस्टम लागू किया गया है, तब से उनके लिए भारी मुसीबत का दौर शुरू हो गया है। कई बार तो पैदल निकला भी मुश्किल भर होता है।
बेगमपुल पर बैक गेयर में रेस-सौंप देंगे चाबियां
यूं कहने को बेगमपुल चौराहा ई रिक्शा मुक्त है। लेकिन इसके बावजूद सवारी के लिए दिन भर तमम ई रिक्शाएं बेगमपुल पर मंडराते देखे जा सकते हैं। हद तो तब हो जाती है जब सवारी के लिए ई रिक्शा बैकगेयर में दौड़ते देखे जाते हैं। इनकी चपेट में आकर कई लोग घायल हो चुके हैं। इनका सबसे बुरा असर तो इस इलाके के व्यापारियों पर पड़ रहा है। सबसे बुरा हाल शिवाजी रोड, न्यू मार्केट, पीएल शर्मा रोड व बेगमबाग तथा सोतीगंज का है। बेगमपुल व्यापार संघ के अध्यक्ष पुनीत शर्मा का कहना है कि यदि हालात नहीं सुधरे तो बेगमपुल व्यापार संघ से संबद्ध सभी व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों की चाबियां डीएम व एसएसपी को सौंप देेंगे।
केवल फेस सेविंग
ई रिक्शाओं को महानगर की जाम की वजह मानने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट व इसको लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले मनोज चौधरी का कहना है कि समस्या पर कार्रवाई के नाम पर केवल फेस सेविंग की जा रही है। कवायदों का जमीनी स्तर पर असर नजर नहीं आ रहा है। जो जवाब दाखिल किया गया है उसके अगेस्ट रिजाइंडर डाला जाएगा। सुनवाई अगले सप्ताह होनी है।