बेटी की डीएम से मदद की गुहार, मेरठ। फीस जमा करने के बाद भी डिप्लोमे के लिए भटक रही दलित छात्रा को जिलाधिकारी दीपक मीणा से मदद की गुहार लगायी। मुलतान नगर निवासी छात्र निशा पुत्री नरेश ने बताया कि उसकी माता सुभारति में डाक्टरों का भोजन बनाने का काम करती हैं। वहां चिकित्सकों राय दी कि एससी कोटे में जेएनएम का डिप्लोमा सुभारति से फ्री में कराया जा सकता है। स्कॉलर शिप मिल जाएगी। उनके कहने पर परिवार वालें ने निशा का एडमिशन सुभारति में करा दिया। निशा ने बताया कि उसने तीन साल का डिप्लामा एडमिशन जब ले लिया तब उससे सुभारति प्रशासन ने फीस जमा करने का प्रेशर बनाना शुरू किया। लेकिन जब स्कालरशिप की बात कही गयी तो उससे समाज कल्याण विभाग जाने का कहा गया। डीएम को दिए गए प्रार्थना पत्र में निशा ने बताया है कि जब वह समाज कल्याण अधिकारी के पास पहुंची तो वहां पता चला कि सुभारति विद्यालय की तो मान्यता ही नहीं है। सरकर ने सुभारति की मान्यता खत्म कर दी है। जब मान्यता ही नहीं तो फिर स्कालरशिप का सवाल नहीं उठता। यह सुनकर निशा के पैरों तले जमीन निकल गयी। उसने किसी प्रकार से जुगाड कर 1.70 लाख से ज्यादा की फीस की रकम जमा की। यह रकम जमा कर लेने के बाद सुभारति प्रशासन ने अब लेट फीस के नाम पर 95 हजार को और तकादा शुरू कर दिया। वह लेट फीस देने की स्थिति में नहीं है। इसके चलते न तो उसका डिप्लोमा दिया गया है और न ही हाईस्कूल व इंटर की ऑरिजनल मार्कशीट ही वापस दी जा रही है। निशा ने डीएम से इस मामले में मदद की गुहार लगायी है। उसने डिप्लोमा व हाईस्कूल इंटर की मार्कशीट भी दिलाने को कहा है। डीएम ने आश्वासन दिया है।