बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते, छावनी क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करने का जो काम माह अप्रैल में कर लिया जाना चाहिए था, कैंट बोर्ड मेरठ के बड़े साहब को उसका ध्यान साल की बिदाई यानि दिसंबर में याद आया है। हालांकि छावनी के भैंसाली और आसपास के इलाके में रहने वालों की मानें तो उनका कहना है कि बड़े साहब का यूं सफाई के लिए निकलने को लेकर ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। भैंसाली इलाके के आसपास कई दिनों से पानी जमा है। यहां के कारोबारी और रिहाइश बेइंतहा परेशान हो रहे थे। इसको लेकर सबसे ज्यादा फजीहत भाजपाई कर रहे थे। इसकी भी एक माकूल वजह बतायी। बोर्ड में भाजपा के नामित सदस्य और जहां नाले की सफाई न होने से जल भराव हो रहा है, वो इलाका भाजपा का गढ़ है, जिस इलाके को लेकर कैंट बोर्ड की फजीहत हो रही है, वहां से विधायक भाजपा के हैं और सांसद भी भाजपा के हैं। बोर्ड के सदस्य भाजपाई, विधायक भाजपाई और सांसद भी भाजपाई इसके बाद भी नाले नालों की सफाई नहीं तो कैंट बोर्ड की फजीहत फिर तो जायज है। खैर दस दिन बाद ही सही साहब लौटे, फजीहत के बाद बड़े साहब निरीक्षण को निकले तो उसका साइड इफैक्ट भी सामने आना था, सो सेनेट्री सुपरवाइजर विकास गलहौत नप गए। उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। भैंसाली एरिया की सफाई के निरीक्षण को पहुंचे बड़े साहब ने लगे हाथ सीएबी स्कूल का भी निरीक्षण कर डाला। कालेज मैं शिक्षण कार्य को लेकर तफसील से जानकारी हासिल की। यह तो हुई बीते गुरूवार के निरीक्षण की बात। अब बात की जाए शुक्रवार की तो कैंट बोर्ड के कर्मचारी विक्रांत शर्मा जिनकी डयूटी सीबीए में लगी है, को डयूटी से गायब होने के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बड़े साहब के दो दिन में दो एक्शन के बाद स्टाफ में जरूर अब सुगबुगाहट है। हालांकि इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचना मसलन कितनों ने स्वागत किया, कितने परेशान हो गए, यह कहना जल्दबाजी होगा।