Black List फिर भी खरीद फरोख्त,
मेरठ। जिन फर्म को पूर्व में सीबीआई ने ब्लेक लिस्ट किया उसी फर्म से मेरठ के स्वास्थ्य विभाग के कुछ खरीद-फरोख्त कर योगी सरकार की भ्रष्टचार को लेकर जीरो टालरेंस की नीति को पलीता लगाने में लगे हैं। इसका खुलासा खुद भाजपा के एक बड़े जाट नेता अंकित चौधरी ने किया डीएम को दिए ज्ञापन में किया है। बड़ा सवाल यही कि भाजपा नेता की इस खुलासे पर प्रशासन क्या कदम उठाता है। ब्लैक लिस्ट कंपनी से खरीद फरोख्त करने वाले अफसरों पर क्या कोई कार्रवाई की जाएगी।
डीएम को दिए शिकायत पत्र में भाजपा नेता ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग में हो रहे घोटालो जिसमें मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर महेश चंद्रा के द्वारा वित्तीय नियमावली को ताक पर रख के अनियमिताओ से कार्यो को किया जा रहा है जिसको लेकर पत्राचार माध्यम से कुछ मुख्य बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित कर सख्त कार्रवाई के लिए लिखा जिससे नियमावली आदेशों के अनुसार स्पष्टता बनी रहे और स्वास्थ्य विभाग के सभी कार्यो को जीरो टॉलरेंस के साथ किया जा सके.
– जैम आइडी का संचालन मुकेश श्रीवास्तव द्वारा अपने लखनऊ के निजी ऑफिस से किया जा रहा है जिसकी पुष्टि सरकार के अधिकार में उपलब्ध सूचना प्रौद्योगिकी साधनों और सुरक्षा एजेंसीयो के जरिये Gem Id की login detail, location की जांच करा कर पारदर्शिता की जा सकती है कि Gem id का संचालन विभाग द्वारा किया जा रहा है या मुकेश श्रीवास्तव द्वारा अपने निजी स्थान से किया जा रहा है NRHM घोटाले के मुख्य आरोपी मुकेश श्रीवास्तव द्वारा उनके फार्म से मेरठ में सामग्री की खरीद फरोख्त की जा रही है जिन फर्मो को पूर्व में सीबीआई द्वारा ब्लैक लिस्ट किया किया गया है तथा वर्तमान में सीबीआई जांच चल रही है, इतना ही नहीं सीएमओ मेरठ के निजी ठेकेदार द्वारा अन्य ठेकेदारों को गुमराह करने के लिए स्वयं विभाग की आईडी से टेंडर जैम पोर्टल पर आमंत्रित किए जाते हैं और टेंडर को अंतिम तिथि तक खिला नहीं जाता है.
जनपद मेरठ में हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत पूर्व में भी शासन से की गई थी तब सीएमओ मेरठ द्वारा अपनी गलती को स्वीकार करते हुए शासन से आई जांच को संतुष्ट करने के लिए लगभग 3 करोड रुपए के आदेशों को निरस्त किया गया था.
जांच के उपरांत शासन को धोखा देने के लिए जो टेंडर डाले गए थे, उनको अपने पक्ष में शासन में जांच रिपोर्ट भेजकर उन्हें पुनः निरस्त कर दिया गया है जिनकी पुष्टि करने के लिए जैम पोर्टल पर टेंडर नंबरों द्वारा वर्तमान स्थिति पता की जा सकती है इसके उपरांत टेंडर नियम से कार्य न करते हुए उन्हें उन्हें पुरानी लगभग तीन करोड़ की नोटशीटो पर क्रयआदेश वित्तीय नियमों को ताक पर रखते हुए जेम पोर्टल पर कोटेशन के माध्यम से पुनः कर दिए गया हैं.
सीएमओ मेरठ द्वारा अपनी मनमानी एवं जनपद में अवैध वसूली करने के लिए अपने पसंदीदा डॉक्टर महेश चंद्र जोकि डिप्टी लेवल के होते हुए भी एसीएमओ लेवल के सभी चार्ज( पीसीपीएनडी, झोलाछाप, सीएमएसडी, रजिस्ट्रेशन, प्राइवेट एंबुलेंस फिटनेस, परिवहन विभाग हेतु मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट) दिए हुए हैं तथा अन्य एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ को चार्ज न देकर शासन आदेश को भी अनदेखा किया जा रहा है तथा सीएमओ कार्यालय के सभी पटलों को लूटने के लिए एवं भ्रष्टाचार फैलाने की जिम्मेदारी डॉक्टर महेश चंद्र को दे रखी है तथा पूर्व में भी डॉ महेश चंद्र द्वारा भ्रष्टाचार फैलाते हुए अपंजीकृत NGO से मोटी रकम वसूल कर जिले में अवैध तरीके से वैक्सीनेशन कराया गया था जब इसकी शिकायत जिला अधिकारी मेरठ से की गई तो सीएमओ द्वारा अपने पसंदीदा डॉक्टर का बचाव करते हुए तत्काल NGO की सेवा समाप्त कर दी गई, पूर्व में जिन अल्ट्रासाउंड एवं झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिको पर सील लगाई गई थी डॉक्टर महेश चंद्र द्वारा मोटी रकम वसूल करते हुए उन्हें खुलवाए जा रहे हैं मेरठ जनपद के सीएमओ कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर साथ में सौरभ पंडित शुभम अग्रवाल हर्ष पंडित सौरव अत्रि सोनू सैनी अमित वर्मा रिंकू वर्मा चिराग वाल्मीकि रोहिताश शर्मा अभिषेक गुजर मोनू टोंक आदि लोग रहे।।