मुलाकातियों से परहेज, कॉल तक नहीं करते रिसीव, चहेता क्लर्क बना है काम का सेतू
मेरठ/ सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ के अधिकारियों के सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक आॅफिस में बैठने के आदेश डिप्टी रजिस्ट्रार सोसाइटी एवं फर्म की चौखट पर दम तोड़ रहे हैं। डिप्टी रजिस्ट्रार जितेन्द्र वर्मा कभी भी आफिस पर नहीं मिलते। ऐसे तमाम लोग हैं जिनका दावा है कि अपनी संस्था के काम के लिए छह माह से इस आॅफिस के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन जब भी आते हैं तो डिप्टी रजिस्ट्रार की लोकेशन आमतौर पर कानपुर और इलाहाबाद बतायी जाती है। लोगों का कहना है कि काम होना तो दूर की बात उन्होंने आज तक डिप्टी रजिस्ट्रार का चेहरा तक नहीं देखा।
दलाल चला रहे हैं आॅफिस
भुक्तभोगियों का आरोप है कि डिप्टी रजिस्ट्रार सोसाइटी आॅफिस को खुद डिप्टी रजिस्ट्रार नहीं बल्कि आॅफिस के बाहर डटे दलाल चला रहे हैं। दलाल के बिना यहां कोई काम नहीं होगा और दलाल काम की गारंटी हैं। जिन्हें इस बात की जानकारी नहीं वो तमाम लोग महीनों इस आॅफिस की परिक्रमा करते रहते हैं, लेकिन उन्हें कभी भी डिप्टी रजिस्ट्रार के दर्शन नहीं होते। काम होना तो दूर की बात और जिन्हें दलालों की मार्फत से काम का तरीका नहीं पता उनका काम भी नहीं होता। भले ही वो फाइल लेकर कितने ही महीनों से चक्कर क्यों ना काट रहे हों।
चार जनपदों की जिम्मेदारी
मेडिकल के सोमदत्त सिटी स्थित डिप्टी रजिस्ट्रार सोसाइटी फर्म आॅफिस से मेरठ के अलावा जनपद बुलंदशहर, हापुड़ और बागपत शामिल हैं। इसके बावजूद भी आॉफिस में बैठने के नाम पर आमतौर पर डिप्टी रजिस्ट्रार की इमेज आफिस से कन्नी काटने वाले अफसर की बनी हुई है। यह केवल इमेज मात्र नहीं वास्तव में ऐसा हो रहा है।
लोगों ने सुनाई आप बीती
सोमवार को जनवाणी संवाददाता और छायाकार कई घंटे तक सोसाइटी रजिस्ट्रार आफिस में रहे। वहां ऐसे तमाम लोग मिले जो अपने काम के लिए महीनों से चक्कर काट रहे थे, लेकिन उनकी मुलाकात डिप्टी रजिस्ट्रार से नहीं हो पा रही। इनमें से कुछ ने नाम ना छापे जाने की शर्त पर कुछ बात करने के लिए राजी हुए। पिलखुवा से आए एक शख्स से बताया कि दो माह से अपनी संस्था के रजिस्ट्रेशन के संबंध में वह यहां चक्कर काट रहा है, लेकिन आज तक उसकी मुलाकात डिप्टी रजिस्ट्रार से नहीं हो सकी है। बुलंदशहर के साठा से आए एक अन्य शख्स से बताया कि उसके मंदिर के रजिस्ट्रेशन की फाइल कई माह से अटकी है। दलाल कहता है कि चुटकियों में काम हो जाएगा, लेकिन जितने पैसे दलाल मांग रहा है उतने वह देने में समर्थ नहीं। डिप्टी रजिस्ट्रार यहां मिलते नहीं। किसी ने बताया कि यहां राहुल नाम का लिपिक काम करा सकता है आज वह राहुल से ही मिलने के लिए आया है, लेकिन दोपहर के 12 बज चुके हैं राहुल का भी नहीं पता। ऐसे ही एक अन्य शख्स जो बागपत से आए थे उन्होंने भी बताया कि उनके स्कूल का रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण होना है, दलाल इस काम के पचास हजार मांग रहा है।
वानगी भर
डिप्टी रजिस्ट्रार आॅफिस में क्या चल रहा है यह इसकी वानगी भर है। प्रदेश भर के अफसरों के लिए सीएम के आदेश सुबह 10 से 12 बजे तक आॅफिस में बैठने के है लेकिन लगता है कि डिप्टी रजिस्ट्रार जितेन्द्र वर्मा खुद को सीएम योगी के आदेशों से ऊपर समझने लगे हैं।