बुला लिया ठीक किया मगर हासिल क्या

kabir Sharma
4 Min Read
WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now

मेरठ। दिन बीतने के साथ साथ सेंट्रल मार्केट की उस बिल्डिंग काे ध्वस्त करने का दिन करीब आता जा रहा है। गुरूवार को डीएम, एसएसपी, नगरायुक्त और वीसी सभी सर्किट हाउस में जमा हुए, लेकिन किसी ने भी यह गारंटी नहीं दी कि उनके रहते हुए यह बिल्डिंग नहीं गिर पाएगी। यह गारंटी तो पिछले दिनों सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने गए कुछ व्यापारी नेताओं को सूबे के सीएम ने भी नहीं दी थी। उन्होंने भी इतना भर कहा था कि विधि विशेषज्ञों की राय ली जाएगी। बिल्डिंग नहीं गिरेगी यह गारंटी उन्होने भी नहीं दी थी। हालांकि चर्चा तो यह थी कि जो पैराेकारी करने गए थे उनका मकसद पैरोकारी से ज्यादा सीएम योगी को अपना चेहरा दिखाना था ताकि साल 2027 के चुनाव में टिकट की दावेदारी कर सकें। ऐसी चर्चा भर है यह बात कितनी सच है यह बात भी गांरटी से नहीं कही जा सकती लेकिन इस बात की गारंटी है कि जो लोग सीएम से मिलने गए थे उन्हें इस बात की कोई गारंटी नहीं दी गयी थी कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बावूजद इस बिल्डिंग को गिरने नहीं दिया जाएगा फिर आज जो अफसर बुलाए गए थे उनको बुलाने की मंशा क्या थी। क्योंकि बिल्डिंग नहीं गिरने दी जाएगी जहां तक जानकारी है ऐसी गारंटी तो उन्होंने भी नहीं दी। सर्किट हाउस में जुटाए गए अफसरों की भीड़ क्यों आवास विकास परिषद के भी अफसर थे। बिल्डिंग नहीं गिरेगी यह गारंटी केवल आवास विकास परिषद के अफसर ही दे सकते हैं वो भी अपनी नौकरी दांव पर लगा कर। क्योंकि सुप्रीमकोर्ट के आदेश में साफ कहा गया है कि यदि अफसरों ने कार्रवाई में दो कदम आगे चार कदम पीछे किया तो अवमानना माना जाएगा। जो अफसर सर्किट हाउस में जुटाए गए वो कैसे यह बिल्डिंग नहीं गिरेगी इसकी गारंटी देंगे यह बात समझ से परे है। हां इतना जरूर हो सकता है कि बिल्डिंग करने से जो व्यापारी बर्बाद होंगे उनको बतौर राहत यदि जिला प्रशासन चाहेगा तो उन्हें किसी अन्य स्थान पर जगह दे सकता है। हालांकि सेंट्रल मार्केट सरीखी जगह उन्हें दी जाएगी इस बात की उम्मीद कोई नजर नहीं आती। फिर सर्किट हाउस में सभी को जुटाकर क्या साबित करना चाहते हैं यह पूरा शहर जाना चाहता है। क्योंकि जब बिल्डिंग ध्वस्तक की जाएगी तो मजिस्ट्रेट की तैनाती और पुलिस फोर्स यही अफसर मुहैय्या कराएंगे। एक बात और सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद इफ बट की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती। मेरठ का कोई कितना ही बड़ा अफसर हो सुप्रीमकोर्ट के आदेश की जब बात आएगी तो अपनी नौकरी दांव पर बिलकुल नहीं लगाएगा। लेकिन इस सब के बीच सबसे बड़ा सवाल वो यह कि जब भी कोई सरकारी अफसर कोई कार्रवाई करे तो उससे अभद्रता ना की जाए। अफसर अपनी सी पर जब आ जाता है तो फिर सेट्रल मार्केट की बिल्डिंग ध्वस्तीकरण सरीखी कार्रवाई हाेती हैं। आप भले ही कुछ भी रोना गाना करें कोई सुनवाई नहीं क्योंकि सुप्रीमकोर्ट का आदेश सुप्रीम है।

Meda: सब बिकने को तैयार है बस दाम लगाना सही

रंजन व विशाल ने ली बैठक

गंदा है पर धंधा है डिग्री की सेल

- Advertisement -

WhatsApp Channel Join Now
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Would you like to receive notifications on latest updates? No Yes