कैंट बोर्ड: गौवंश की दुर्दशा पर चुप, केंद्र व प्रदेश में भले ही गोवंश को पूजनीय मानने वाली सरकार हों, लेकिन मेरठ कैंट बोर्ड के अफसरों की लापरवाही की वजह से छावनी इलाके में गोवंश की दुर्दशा हो रही है। बेसहारा गोवंश को सर्दी व दुर्घटना से बचाना तो दूर की बात रही, जो गोवंश हादसों का शिकार भी हो जाते हैं, उनको बचाने व मदद के लिए भी कैंट बोर्ड प्रशासन कोई पुख्ता इंतजाम नहीं कर रहा है। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन छुट्टा गोवंश के लिए माल रोड तो मौत की रोड बन गई है। माल रोड पर गोवंश सरीखे छुट्टा पशुओं को आने से रोकने व उन्हें हादसों को शिकार होने से बचाने के लिए अकरम नाम के जिस शख्स की डयूटी फाइलों में माल रोड पर डंडा लेकर घूमने की है, स्टाफ की माने तो वह अकरम तो इन दिनों बोर्ड के बड़े साहब की सुरक्षा में घूम रहा है। ऐसे में माल रोड सरीखे इलाके में गाेवंश यदि हादसों का शिकार होकर मर रहे हैं तो हैरान होने जैसी कोई बात नहीं है। सबसे दुखद पहलू तो यह है कि गोवंश के साथ होने वाली दुर्घटनाओं में बजाए उनको बचाने कैंट बोर्ड का सेनेट्री सेक्शन ऐसे गोवंश की मौत का इंतजार करता है। प्रत्येक गोवंश पूजनीय है। सूबे के सीएम योगी खुद गोवंश के सबसे बड़े संरक्षक है, लेकिन मेरठ कैंट बोर्ड प्रशासन खासतौर से सेनेट्री सेक्शन हेड इसको लेकर पूरी तरह से लापरवाह नजर आते हैं। बीमार गोवंश को लेकर तो रवैया और भी ज्यादा खराब है। यदि कहीं से ऐसे गोवंश को लेकर मदद के लिए कोई सूचना भी देता है तो बजाए वहां पहुंचने के गोवंश की मौत का इंतजार किया जाता है। चार दिन से मरणासन अवस्था में एक गाय माल रोड करियप्पा स्ट्रीट का सामने पड़ी है। गोवंश प्रेमियों की सरकार में कैंट बोर्ड सेनेट्री सेक्शन हेड सरीखे अफसर का यह कृत्य पाप नहीं तो फिर और क्या कहें। सीईओ की लापरवाही भी इसके लिए कम जिम्मेदार नहीं।