कैंट बोर्ड: जांच के दायरे में अवैध निर्माण भी, केवल भर्ती या प्रमोशन घोटाला ही नहीं बल्कि कैंट बोर्ड मेरठ के इंजीनियरिंग सेक्शन के बड़े साहब की छात्रछाया में कराए गए सैकड़ों अवैध निर्माण भी जांच के दायरे में है। मेरठ के छावनी क्षेत्र में आयी अवैध निर्माणों की बाढ़ को लेकर रक्षा मंत्रालय गंभीर है। इसको लेकर तमाम शिकायतों का संज्ञान लेते हुए रक्षा सचिव की ओर से महानिदेशक रक्षा संपदा को पत्र लिखकर निर्देशित किया गया है। साथ ही कैँट बोर्ड मेरठ के तमाम अवैध निर्माणों की जांच स्वतंत्र जांच ऐजेन्सी से कराए जाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। अवैध निर्माणों को लेकर तमाम शिकायतों का संदर्भ लेते हुए अवगत कराने हेतु भेजे गए पत्र मेंअनुभाग अधिकारी छावनी महानिदेशक रक्षा संपदा ने अवगत कराया है। जानकारों की मानें तो महानिदेशक रक्षा संपदा कार्यालय ने जिस स्वतंत्र जांच ऐजेन्सी का उल्लेख पत्र मेंं किया है, वह सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन यानि सीबीआई भी हो सकती है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि ऐसे ही अवैध निर्माण मामलों की जांच देहरादून छावनी में सीबीआई की एक टीम पहले से कर रही है। वहीं दूसरी ओर कैंट बोर्ड मेरठ की यदि बात की जाए तो कथित भर्ती व प्रमोशन घोटाले की जांच के चलते सीबीआई के अफसरों की एक टीम पहले से ही कैंट बोर्ड मेरठ के एक सेनेट्री सुपरवाइजर को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। हालांकि इसी क्रम में सीबीआई के हाथों कैंट बोर्ड मेरठ के अन्य अधिकारियों जिनके नाम जेल भेजे गए सुपरवाइजर द्वारा लिए गए बताए जाते हैं, की गिरफ्तारी होनी अभी बाकि है। जानकारों का तो यहां तक कहना है कि जेल भेजे गए सेनेट्री सुपरवाइजर ने कैंट बोर्ड के बड़े साहब समेत कुल छह किरदारों के नाम सीबीआई के अफसरों की पूछताछ में बताए हैं। माना जा रहा है कि नवंबर माह में कैंट बोर्ड के कुछ अफसरों को गिरफ्तार कर जेल भेजा सकता है। लेकिन यहां फिलहाल मुद्दा अवैध निर्माणों की जांच और इसके लिए जिम्मेदार इंजीनियरिंग सेक्शन के प्रभारी पर शिकंजा कसे जाने का है।
That could have done long back but your stasff is favouring the wrong shanti farm is out of lease still sold to many pepole who are threat to defence and the society fire took place but still they are there